आयुष्मान योजना बनी गरीबों की जीवन रेखा उत्तराखंड में 15 लाख से अधिक मरीजों ने उठाया लाभ, 2800 करोड़ से अधिक खर्च

देहरादून। गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए आयुष्मान योजना किसी वरदान से कम नहीं साबित हो रही है। गंभीर बीमारियों का इलाज जो पहले आम आदमी की पहुंच से दूर था, अब सरकारी खर्च पर निशुल्क उपलब्ध है। उत्तराखंड में अब तक 15 लाख से अधिक मरीजों ने इस योजना के तहत इलाज कराया है, जिससे न केवल उन्हें स्वास्थ्य लाभ मिला, बल्कि इलाज पर होने वाले भारी-भरकम खर्च से भी राहत मिली।

राज्य सरकार ने 25 दिसंबर 2018 को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की तर्ज पर राज्य में अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना लागू की थी। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक परिवार को हर वर्ष 5 लाख रुपये तक का हेल्थ कवर दिया जाता है। उत्तराखंड में 100 सरकारी और 199 निजी अस्पताल इस योजना से जुड़े हुए हैं, जबकि पूरे देश में 30 हजार से अधिक अस्पताल इसका हिस्सा हैं।

अब तक प्रदेश में 59,73,718 आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं और 15,30,374 मरीज विभिन्न अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती हुए हैं। इन पर कुल मिलाकर 29,55,50,70,928 रुपये का व्यय किया जा चुका है, जो सरकार द्वारा सीधे मरीजों के इलाज पर खर्च किया गया।

गंभीर बीमारियों में भी इलाज हुआ आसान

आयुष्मान योजना के माध्यम से गंभीर बीमारियों का इलाज संभव हो पाया है। अब डायलिसिस, हार्ट सर्जरी, कैंसर ट्रीटमेंट और न्यूरो सर्जरी जैसे महंगे इलाज भी बिना किसी खर्च के हो रहे हैं।

कुछ प्रमुख आंकड़े इस प्रकार हैं:

डायलिसिस उपचार: 2,19,240 मरीज

हार्ट सर्जरी (स्टंट, ओपन हार्ट): 39,560 मरीज

कैंसर उपचार (सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी): 77,120 मरीज

न्यूरो सर्जरी: 11,820 मरीज

नेत्र सर्जरी: 1,31,240 मरीज

स्त्री एवं प्रसूति रोग: 31,991 मरीज

बुजुर्गों के लिए “वय वंदना योजना” बना सहारा

स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य में 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को अब आयुष्मान योजना के तहत अलग से 5 लाख रुपये तक की मुफ्त इलाज सुविधा दी जा रही है। यह सुविधा “वय वंदना योजना” के अंतर्गत दी जा रही है। अब तक इस योजना के अंतर्गत 14,248 कार्ड बनाए जा चुके हैं और 10,33,56,471 रुपये के क्लेम निपटाए जा चुके हैं।

डा. रावत ने कहा, “यह योजना गरीब एवं जरूरतमंद लोगों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है। गंभीर बीमारी के इलाज में जहां पहले परिवार आर्थिक रूप से टूट जाते थे, अब उन्हें राहत मिल रही है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की जनकल्याणकारी सोच का परिणाम है।”

उत्तराखंड में आयुष्मान योजना न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम साबित हुई है, बल्कि इसने लाखों परिवारों को आर्थिक और मानसिक राहत भी दी है। सरकार की यह पहल सामाजिक न्याय और समावेशी विकास का सशक्त उदाहरण बनकर उभरी है।

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