बागेश्वर में बादल फटने से तबाही: विधायक का गनर उफनते नाले में बहा, SDRF ने जोखिम उठाकर बचाया

बागेश्वर उत्तराखंड का बागेश्वर जिला एक बार फिर प्रकृति के प्रकोप का गवाह बना। कपकोट के तल्ला दानपुर क्षेत्र में शुक्रवार देर रात कन्यालीकोट पैसारी गांव में बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके में कोहराम मचा दिया। तेज बारिश और उफनते नालों ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है और सैकड़ों लोगों को अपनी जान-माल की चिंता सता रही है।

 

SDRF की वीरता: विधायक का गनर बहा, लेकिन मौत को दी मात

घटनास्थल पर स्थिति का जायजा लेने पहुंचे कपकोट विधायक सुरेश गढ़िया एक दर्दनाक वाकये के चश्मदीद बने। उनके साथ मौजूद सुरक्षाकर्मी (गनर) अचानक एक उफनते नाले की चपेट में आकर तेज़ बहाव में बह गया

 

मौके पर अफरा-तफरी मच गई, लेकिन एसडीआरएफ की त्वरित प्रतिक्रिया और साहसिक बचाव ऑपरेशन ने एक बड़ा हादसा होने से रोक लिया।
रेस्क्यू टीम ने जोखिम उठाते हुए गनर को सुरक्षित बाहर निकाला। उसकी हालत अब स्थिर और नियंत्रण में बताई जा रही है।

 

तीन गांव सबसे ज्यादा प्रभावित: हालात बेहद नाजुक

बैसानी, पैसारी और कन्यालीकोट गांव सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। यहां की सड़कें, खेत, मकान और बिजली-पानी की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। भारी मलबा और टूटे पुलों ने राहत और बचाव कार्यों को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

 

प्रशासन पूरी तरह अलर्ट, राहत कार्य जारी

विधायक सुरेश गढ़िया ने मौके पर पहुंचकर प्रभावित ग्रामीणों से मुलाकात की और अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा:

“यह समय संवेदनशीलता और एकजुटता से काम करने का है। प्रशासन और राहत टीमें हरसंभव मदद कर रही हैं। सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है।”

घटना की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और आपदा प्रबंधन की टीमें मौके पर पहुंची हैं। एसडीआरएफ, राजस्व विभाग, पुलिस बल और मेडिकल टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।

 

अस्थायी शिविर और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध

प्रशासन द्वारा प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, टेंट शिविर लगाने और फौरी मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश जारी किए गए हैं। ग्रामीणों के लिए खाद्य सामग्री, पानी और आवश्यक दवाओं की व्यवस्था भी की जा रही है।

 

अभी राहत नहीं: अगले 48 घंटों तक भारी बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। प्रशासन ने लो-लाइन एरिया और नाले किनारे रहने वाले लोगों को विशेष सतर्कता बरतने और जरूरत पड़ने पर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है।

 

बागेश्वर की यह घटना उत्तराखंड की भौगोलिक संवेदनशीलता और बदलते मौसम का खतरा हर वक्त मंडरा रहा है। लेकिन SDRF जैसे संघटन अपनी तत्परता और साहस से लोगों को जीवनदान दे रहे हैं।

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