उत्तराखंड में मंत्री के बेटे पर शिकंजा: अवैध पेड़ काटने का मामला, डीएफओ ने किया निरीक्षण

उत्तराखंड के लैंसडाउन वन प्रभाग की लालढांग रेंज में अवैध रूप से पेड़ काटे जाने के मामले में उत्तराखंड के एक मंत्री के बेटे पर आरोप लगे हैं। यह मामला तब सामने आया जब आरोप लगा कि मंत्री के बेटे ने निजी भूमि पर रिजॉर्ट बनाने के लिए पेड़ काटे। वन विभाग ने इस मामले की जांच शुरू की है और अब तक संरक्षित श्रेणी के दो पेड़ों के अवैध कटान को लेकर मुकदमा दर्ज कर लिया है।

मामले की जांच:

मामले के सामने आने के बाद, डीएफओ (क्षेत्रीय वन अधिकारी) आकाश गंगवार ने खुद मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। जांच में यह पाया गया कि कुल 26 पेड़ों को काटा गया था, जिनमें से 24 पेड़ छूट प्रजाति के थे, जिनके लिए वन विभाग से अनुमति की आवश्यकता नहीं होती। हालांकि, दो पेड़ संरक्षित प्रजाति के थे और इनका कटान बिना अनुमति के किया गया था, जो नियमों का उल्लंघन है।

 

वन मंत्री का बयान:

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने इस मामले में कहा कि चाहे कोई भी दोषी हो, उसे नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई का सामना करना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं और जांच रिपोर्ट के आधार पर कठोर कदम उठाए जाएंगे।

 

ट्री प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई:

इस मामले में ट्री प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इस कानून के अनुसार, संरक्षित प्रजाति के पेड़ के अवैध कटान पर वन विभाग को अधिकतम ₹5000 का जुर्माना लगाने का अधिकार है। इस कारण यह मामला कुछ हल्का दिख सकता है, लेकिन जांच और कार्रवाई जारी है।

यह मामला उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीवन की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण मामला बन गया है, और इससे यह भी सवाल उठता है कि उच्च स्तर के अधिकारियों और नेताओं के परिवारों पर क्या प्रभावी कार्रवाई हो सकती है।

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