मुख्यमंत्री धामी ने दी सख्त हिदायतें: मानसून से पहले सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और मेडिकल इमरजेंसी के लिए व्यापक तैयारी के निर्देश
देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मानसून सीजन को लेकर राज्यभर में सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और मेडिकल इमरजेंसी को लेकर बड़ी घोषणा करते हुए सभी जिलाधिकारियों और संबंधित विभागों को सख्त निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री शनिवार को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि किसी भी भूस्खलन की स्थिति में 15 मिनट के भीतर मौके पर जेसीबी पहुंचना अनिवार्य होगा। इसके लिए लोक निर्माण विभाग सहित सभी जिम्मेदार अधिकारियों की व्यक्तिगत जवाबदेही तय की गई है। साथ ही, राज्य के भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की मैपिंग कर डेटाबेस तैयार करने के निर्देश भी दिए गए।
मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी से कैंचीधाम व अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ मार्गों की स्थिति की समीक्षा करते हुए पैचवर्क और सभी पुलों का सुरक्षा ऑडिट जल्द कराने को कहा। साथ ही, पुरानी एम्बुलेंसों को बदलने और मेडिकल आपातकाल को ध्यान में रखते हुए पिथौरागढ़ में एक अतिरिक्त हेलीकॉप्टर तैनात करने के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को जीर्ण-शीर्ण विद्यालय भवनों की तुरंत पहचान कर उनमें शिक्षण कार्य बंद कराने और वैकल्पिक शेल्टर की व्यवस्था के निर्देश भी दिए। उन्होंने स्कूल, अस्पताल, आश्रम व अन्य संवेदनशील स्थलों का आगामी तीन दिनों में सुरक्षा वेरिफिकेशन कराने का भी आदेश दिया।
हरिद्वार और उधमसिंह नगर जैसे मैदानी क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ की स्थायी समस्या के समाधान हेतु विशेषज्ञ एजेंसी से सर्वे कराकर प्रभावी कार्य करने को कहा गया। जलाशयों की सिल्ट हटाने और उनकी भंडारण क्षमता बनाए रखने पर भी विशेष जोर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की स्थिति में हर जिले में SDRF-NDRF की टुकड़ियाँ पर्याप्त मात्रा में तैनात रहें, हेलीपैड्स का सेफ्टी ऑडिट हो और संवेदनशील क्षेत्रों में बिजली के खुले तारों को कवर किया जाए। पिथौरागढ़ में एयरपोर्ट और मेडिकल कॉलेज के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए।
मानसून को देखते हुए गर्भवती महिलाओं का डेटाबेस बनाने और आगामी चार माह में प्रसव वाली महिलाओं के लिए पहले से व्यवस्था करने को भी कहा गया। वहीं नैनीताल जनपद की गोला एप्रोच रोड और क्वारब के भूस्खलन क्षेत्र के ट्रीटमेंट कार्यों को शीघ्र पूरा करने का आदेश दिया गया।
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा के मद्देनजर विशेष सतर्कता बरतने और मौसम खराब होने की स्थिति में यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोकने के निर्देश दिए। साथ ही, टोल फ्री नंबरों, ‘सचेत’ ऐप और अन्य आपदा संचार माध्यमों का प्रचार-प्रसार तेज करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्री विनय कुमार रुहेला, मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगौली सहित सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से शामिल रहे।