पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह महाराष्ट्र के नए राज्यपाल

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को महाराष्ट्र का नया राज्यपाल बनाए जाने की संभावना है। पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के अपने पद से हटने की इच्छा व्यक्त की थी, इसके कुछ दिनों बाद इस तरह की खबर सामने आ रही है।

मीडिया सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पंजाब के पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह महाराष्ट्र के अगले गवर्नर होंगे. कई दिनों सियासी हलको में इसको लेकर चर्चा थी, लेकिन अब इसकी पुष्टि हो चुकी है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कैप्टन अमरिंदर सिंह को महाराष्ट्र का अगला राज्यपाल बनाने का जल्द ही जारी किया जा सकता है आदेश, कैप्टन कुछ समय पहले ही बीजेपी में शामिल हुए थे. उन्होंने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस (PLC) का भी बीजेपी में विलय कर दिया था.

कैप्टन अमरिंदर सिंह का नाम पहले उपराष्ट्रपति पद के लिए भी चर्चा में आया था. हालांकि बाद में इस पद पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे जगदीप धनखड़ को बीजेपी ने उम्मीदवार बना दिया था. उस वक्त कैप्टन विदेश में इलाज करा रहे थे, तब तक कैप्टन ने अपनी पार्टी को भी अलग रखा हुआ था. हालांकि अब कैप्टन सीधे बीजेपी में ही आ चुके हैं.बीते दिनों महाराष्ट्र राजभवन के एक बयान में यह कहा गया था कि, राज्यपाल भगत सिहं कोश्यारी ने अपना शेष जीवन पढ़ने, लिखने और अन्य इत्मीनान की गतिविधियों में बिताने की इच्छा व्यक्त की है.

भगत सिहं कोश्यारी, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली महा विकास अघाड़ी सरकार के साथ लगातार भाग-दौड़ कर रहे थे. उनकी इसी इच्छा के बाद कयास लगाए जाने लगे थे कि कैप्टन को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाकर भेजा जा सकता है.

क्यों लगातार विवादों पर रहे कोश्यारी

पिछले साल नवंबर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कोश्यारी ने कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने जमाने के आदर्श थे, जबकि डॉ.आंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक आधुनिक आदर्श राज्य में हैं। कोश्यारी ने कहा , ‘‘शिवाजी पुराने जमाने के आदर्श हैं। आप आदर्श अब यहां पाएंगे। डॉ. आंबेडकर से नितिन गडकरी तक, आप उन्हें यहां पाएंगे।’’

पिछले साल जुलाई में कोश्यारी ने कहा था कि यदि राजस्थानी और गुजराती समुदाय के लोगों को शहर से निकाल दिया जाए तो मुंबई देश की वित्तीय राजधानी नहीं रह जाएगी। इस बयान पर कई विपक्षी दलों ने कोश्यारी की आलोचना की। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह उन्हें प्रसिद्ध कोल्हापुरी चप्पल दिखाने का समय है। मुंबई विश्वविद्यालय में नई इमारत का उद्घाटन करते समय कोश्यारी ने विश्वविद्यालय के कुलपति से अनुरोध किया था कि अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के नये छात्रावास का नाम स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के नाम पर रखें।

 

ओरंगाबाद में पिछले साल मार्च में एक कार्यक्रम के दौरान कोश्यारी ने समर्थ रामदास को छत्रपति शिवाजी महाराज का ‘गुरु’ बताया था। कोश्यारी ने कहा था, ‘‘कई महाराजा और चक्रवर्ती सम्राट इस धरती पर पैदा हुए थे। लेकिन अगर चाणक्य न होते तो चंद्रगुप्त के बारे में कौन पूछता? अगर समर्थ (रामदास) न होते तो छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में कौन पूछता?’’

पिछले साल मार्च में कोश्यारी का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह सामाजिक कार्यकर्ता ज्योतिराव फूले और सावित्रीबाई फूले के बाल विवाह का मजाक उड़ाते दिखे। सावित्रीबाई का 10 साल की उम्र में ज्योतिराव से विवाह हुआ था जिनकी उम्र तब 13 साल थी। महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोश्यारी पर आरोप लगाया था कि वह हद से अधिक सक्रियता दिखा रहे हैं और इशारा किया था कि राज्यपाल राज्य सरकार की सिफारिश के बावजूद राज्य विधान परिषद की रिक्त 12 सीट को नहीं भर रहे हैं।

वर्ष 2019 में भाजपा-शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी घमासान के बीच कोश्यारी ने स्तब्ध कर देने वालेशपथ ग्रहण समारोह में देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।

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