राजभवन में सर्वधर्म गोष्ठी का आयोजन, मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने दिया राष्ट्रीय एकता का संदेश

राजभवन में सर्वधर्म गोष्ठी का आयोजन – सभी धर्मों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में राष्ट्रीय एकता और अखंडता का संदेश।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री की भागीदारी – दोनों ने धर्म की एकता और सेना के समर्थन पर बल दिया।

धार्मिक एकता और समरसता पर वक्तव्य – सभी धर्मों के मूल भाव एकता, करुणा और शांति पर केंद्रित।

सेना और मातृशक्ति का सम्मान – ऑपरेशन सिंदूर में बेटियों की भूमिका का उल्लेख।

मुख्यमंत्री का ऐतिहासिक उदाहरणों द्वारा संदेश – श्रीराम, श्रीकृष्ण, गुरु गोविंद सिंह, ईसा मसीह और पैग़म्बर मोहम्मद साहब के संदेशों का उल्लेख।

अन्य वक्ताओं का राष्ट्रभक्ति पर जोर – धर्म भिन्न हो सकते हैं पर राष्ट्रभक्ति एक है।

शनिवार को उत्तराखंड राजभवन में सर्वधर्म गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें राज्य के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस गोष्ठी का उद्देश्य देश की एकता, अखंडता एवं सामाजिक समरसता को मजबूत करना रहा।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि यह गोष्ठी राष्ट्र के प्रति हमारे साझा उत्तरदायित्व की अभिव्यक्ति है। उन्होंने सभी धर्मों की शिक्षाओं को एकजुटता, शांति और करुणा से जोड़ा और कहा कि भारत की आत्मा हमारी एकता में बसती है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए सेना और विशेष रूप से देश की बेटियों की भूमिका की सराहना की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जब भी देश पर संकट आता है, तब सभी धर्म, पंथ और समुदाय एकजुट होकर राष्ट्रहित में खड़े होते हैं। उन्होंने धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टांतों से यह समझाया कि धर्म का मूल उद्देश्य सत्य, प्रेम और समरसता की स्थापना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने सदैव धर्म और न्याय का पक्ष लिया है और उत्तराखंड की वीर भूमि ने हर संघर्ष में अपनी भूमिका निभाई है।

 

परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनि, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स, बौद्ध धर्मावलंबी सोनम चोग्याल, ब्रदर जोसेफ एम. जोसेफ, सरदार गुरबक्श सिंह राजन सहित अन्य वक्ताओं ने भी भारत की एकता और अखंडता बनाए रखने की कामना की।

इस अवसर पर सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी तथा विभिन्न समुदायों के अनुयायी और समाजसेवी भी उपस्थित रहे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.