CEC ज्ञानेश कुमार पर घिरा विपक्ष, महाभियोग प्रस्ताव की चर्चा तेज

नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार और विपक्षी दलों के बीच टकराव गहराता जा रहा है। ‘वोट चोरी’ के आरोपों को लेकर जारी विवाद के बीच विपक्ष संसद के मानसून सत्र में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक विपक्षी खेमे में इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा हो रही है।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नासिर हुसैन ने कहा कि पार्टी लोकतंत्र बचाने के लिए जरूरत पड़ने पर महाभियोग प्रस्ताव सहित सभी संवैधानिक विकल्पों का इस्तेमाल करने को तैयार है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस पर अभी तक कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई है। हुसैन ने कहा, “अगर जरूरत पड़ी तो हम लोकतंत्र के सभी हथियारों का इस्तेमाल करेंगे। अभी तक हमने महाभियोग को लेकर कोई ठोस फैसला नहीं लिया है, लेकिन हालात के हिसाब से कुछ भी किया जा सकता है।”

दरअसल, हाल ही में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर ‘वोट चोरी’ और पक्षपात के गंभीर आरोप लगाए थे। इस पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि यह आरोप न केवल चुनाव आयोग पर, बल्कि भारतीय संविधान पर भी हमला है। उन्होंने राहुल गांधी को चुनौती देते हुए कहा, “या तो सात दिनों के भीतर हलफनामा दें या फिर पूरे देश से माफी मांगें। तीसरा कोई विकल्प नहीं है।”

इसके बाद विपक्ष और सीईसी के बीच विवाद और तेज हो गया। राहुल गांधी ने पलटवार करते हुए सवाल उठाया कि जब भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने भी इसी तरह के आरोप लगाए, तो उनसे हलफनामा क्यों नहीं मांगा गया। राहुल ने कहा, “चुनाव आयोग मुझसे हलफनामा मांगता है, लेकिन अनुराग ठाकुर से नहीं। यह दोहरा रवैया क्यों?”

इसी बीच केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष से अपील की कि वह चुनाव आयोग से संबंधित मुद्दों को लेकर संसद की कार्यवाही बाधित न करे। रिजिजू ने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं पर विश्वास बनाए रखना सभी दलों की जिम्मेदारी है और इस प्रकार की राजनीति से बचना चाहिए।

वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि विपक्ष वास्तव में महाभियोग प्रस्ताव लाता है, तो यह देश की संसदीय राजनीति में एक बड़ी बहस को जन्म देगा। हालांकि, संसद में संख्याबल को देखते हुए इसका पारित होना आसान नहीं होगा।

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