उत्तराखंड में नए भू-कानून को मंजूरी: मुख्यमंत्री धामी ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया, जानिए क्या हैं इसके मुख्य प्रावधान
देहरादून: उत्तराखंड राज्य के लोग लंबे समय से एक कठोर भू-कानून की मांग कर रहे थे, और अब उनकी यह मांग पूरी हो गई है। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन, राज्य मंत्रिमंडल ने एक सख्त भू-कानून के प्रावधानों को स्वीकृति दे दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे “ऐतिहासिक कदम” करार दिया और कहा कि यह कानून राज्य की सांस्कृतिक विरासत, संसाधनों और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा।
मुख्यमंत्री ने दी बधाई, कहा – यह कदम राज्य के लिए महत्वपूर्ण
मुख्यमंत्री धामी ने इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “प्रदेश की जनता लंबे समय से सख्त भू-कानून की मांग कर रही थी। हम उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए इस कानून को स्वीकृति दे रहे हैं। यह कानून उत्तराखंड की मूल पहचान को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और बाहरी हस्तक्षेप को नियंत्रित करेगा।”
नया भू-कानून: मुख्य उद्देश्य और प्रभाव
इस नए भू-कानून का मुख्य उद्देश्य न केवल उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना है, बल्कि यह स्थानीय लोगों के हितों की सुरक्षा करते हुए प्रदेश की मूल संस्कृति और स्वरूप को भी संरक्षित करेगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “यह कानून प्रदेश के नागरिकों को अधिक अधिकार और सुरक्षा प्रदान करेगा।” सरकार का मानना है कि यह निर्णय प्रदेश की सांस्कृतिक और आर्थिक स्थिरता के लिए एक सकारात्मक कदम साबित होगा।
अनियंत्रित भूमि खरीद पर लगेगी रोक
इस कानून के तहत बाहरी व्यक्तियों द्वारा अनियंत्रित भूमि खरीद पर रोक लगेगी, जिससे उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधनों और स्थानीय निवासियों के अधिकारों की रक्षा होगी। सीएम धामी ने कहा, “हमारी सरकार जनता के हितों के प्रति पूरी तरह से समर्पित है। यह कानून राज्य की भौगोलिक और सामाजिक संरचना को संतुलित बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
प्रदेश के विकास के लिए ठोस कदम
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस कदम के बाद राज्य के विकास में और तेजी आएगी, और सरकार इसी तरह के ठोस कदम उठाकर प्रदेश के हितों की रक्षा करती रहेगी।
इस ऐतिहासिक फैसले के बाद, राज्य की जनता सरकार के इस निर्णय का स्वागत कर रही है और इसे उत्तराखंड के सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।