उत्तराखंड में परिवार पहचान पत्र योजना: डेटा से योजनाओं में पारदर्शिता और सुधार

उत्तराखंड सरकार ने राज्य में परिवार पहचान पत्र (PPP) योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आगामी सप्ताह में सरकार एक निजी एजेंसी के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने जा रही है, जिसका चयन पहले ही किया जा चुका है। यह एजेंसी राज्य की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के आंकड़ों का विश्लेषण और मॉनिटरिंग करेगी।

नागरिकों की जानकारी और योजना का लाभ

परिवार पहचान पत्र योजना से राज्य सरकार को नागरिकों की पूरी जानकारी प्राप्त होगी, जिसका उपयोग मौजूदा योजनाओं में सुधार के साथ-साथ भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा तय करने के लिए किया जाएगा। यह योजना रोजगार, उद्यमिता, जनगणना, निर्वाचन और शहरी एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में भी सहायक साबित होगी।

 

पारदर्शिता और फर्जीवाड़े पर नियंत्रण

इस योजना के माध्यम से सरकार को यह जानने में मदद मिलेगी कि कौन-सा परिवार किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहा है। इससे योजनाओं में होने वाले फर्जीवाड़े और डुप्लीकेसी की संभावनाएं समाप्त होंगी। इसके अतिरिक्त, बेरोजगारों की सही जानकारी उपलब्ध होने से रोजगार योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन संभव होगा।

 

दो प्रकार के पहचान पत्र

परिवार पहचान पत्र योजना के अंतर्गत दो प्रकार के पहचान पत्र जारी किए जाएंगे: एक स्थायी निवासियों के लिए और दूसरा अस्थायी रूप से राज्य में रहने वालों के लिए। परिवारों को एक यूज़र आईडी और पासवर्ड दिया जाएगा, जिससे वे अपनी जानकारी समय-समय पर पोर्टल पर अपडेट कर सकेंगे।

 

बेहतर योजनाओं की तैयारी

परिवार पहचान पत्र से एकत्रित आंकड़े जनगणना, निर्वाचन, सहकारिता, कृषि, और उद्योग जैसे क्षेत्रों में भी उपयोगी होंगे। आंकड़ों के अद्यतित होने से बार-बार सर्वे कराने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जिससे योजनाओं की सही दिशा में निगरानी और क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा।

 

हरियाणा से प्रेरणा, पर व्यापक दृष्टिकोण

उत्तराखंड ने इस योजना को हरियाणा से प्रेरित होकर शुरू किया है, लेकिन सरकार इसे और व्यापक बनाना चाहती है। यह न केवल परिवारों की जानकारी तक सीमित रहेगा, बल्कि योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और भविष्य के नीतिगत निर्णयों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

 

जिम्मेदारी और निगरानी

परिवार पहचान पत्र योजना की जिम्मेदारी उत्तराखंड के नियोजन विभाग को सौंपी गई है। विभाग ने राष्ट्रीय सूचना केंद्र (NIC) के सहयोग से एक पोर्टल तैयार किया है, जो योजना के संचालन और निगरानी के लिए उपयोग होगा। इस योजना की मॉनिटरिंग के लिए एक प्रकोष्ठ का गठन भी किया गया है, जिसमें विशेषज्ञ योजनाकार और विश्लेषक शामिल हैं।

 

निष्कर्ष

उत्तराखंड में परिवार पहचान पत्र योजना सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण टूल साबित होने वाली है। यह योजना न केवल योजनाओं के लाभार्थियों का डेटा जुटाएगी, बल्कि योजनाओं में पारदर्शिता लाने और नए नीतिगत निर्णयों में सहायता प्रदान करेगी। सरकार और निजी एजेंसी के इस सहयोग से राज्य के विकास को नई दिशा देने की उम्मीद है।

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