मुख्यमंत्री धामी बोले – जन समस्याओं का समाधान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
विधायकों की बात को प्राथमिकता, हर 3 माह होगी योजनाओं की समीक्षा: सीएम धामी
जन समस्याएं सरकार की शीर्ष प्राथमिकता, अफसर लें गंभीरता से: मुख्यमंत्री
देहरादून, 30 जुलाई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में टिहरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा क्षेत्रों की घोषणाओं और विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि विधायकों द्वारा उठाई गई जन समस्याओं को पूरी गंभीरता से लिया जाए और उनके समाधान के लिए संबंधित अधिकारी विधायकों के साथ निरंतर संवाद बनाकर कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता जन समस्याओं का समाधान है। किसी भी जनहित कार्य में अनावश्यक देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि हर लोकसभा क्षेत्र की विधानसभा वार योजनाओं की समीक्षा वह स्वयं हर तीन माह में करेंगे, ताकि योजनाओं की प्रगति और क्रियान्वयन का आकलन किया जा सके।
समीक्षा प्रक्रिया को मिलेगा नया ढांचा
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में की गई घोषणाओं और चल रही योजनाओं की निगरानी एवं क्रियान्वयन के लिए शासन स्तर पर अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी दी जाए। ये अधिकारी संबंधित विधायकों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए विकास कार्यों को गति देंगे।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि प्रत्येक विधानसभा में चल रही योजनाओं की समीक्षा मुख्य सचिव स्तर पर भी की जाए और विभागीय सचिवगण अपने-अपने विभागों की योजनाओं की नियमित समीक्षा कर त्वरित निराकरण सुनिश्चित करें।
मानसून बाद निर्माण कार्यों में तेजी
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून के बाद सभी निर्माणाधीन परियोजनाओं में तेजी लाई जाए। उन्होंने सभी विधायकों से लघु, मध्य और दीर्घकालीन परियोजनाओं के प्रस्ताव भेजने का भी आग्रह किया, ताकि उन्हें प्राथमिकता के अनुसार कार्यान्वित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि योजनाओं का नियमित अनुश्रवण (Monitoring) किया जाए और उन्हें निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किया जाए।
विधायकगणों की ओर से उठाई गई प्रमुख समस्याएं
बैठक में उपस्थित विधायकों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों की प्रमुख समस्याएं रखीं जिनमें शामिल थीं:
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सड़कों का निर्माण व चौड़ीकरण
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स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
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जलभराव और नालों की समस्या
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सौंदर्यीकरण और तटबंध निर्माण
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सिंचाई, ड्रेनेज और सीवरेज व्यवस्था