सीएम धामी ने किया ‘सतर्कता-हमारी साझा जिम्मेदारी’ अभियान का शुभारंभ

देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में “सतर्कता–हमारी साझा जिम्मेदारी” थीम पर आधारित जनजागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह राज्यव्यापी अभियान 9 नवम्बर 2025 तक चलेगा, जो राज्य स्थापना दिवस तक निरंतर जारी रहेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और कर्मचारियों को सत्यनिष्ठा की प्रतिज्ञा भी दिलाई।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की भावना को साकार करने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि पटेल जी ने अपने जीवन का हर क्षण भारत की एकता, अखंडता और सशक्त राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित किया। उनके जन्मदिवस के अवसर पर यह जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवल भ्रष्टाचार मुक्त भारत का संकल्प नहीं लिया, बल्कि उसे धरातल पर उतारकर एक नई कार्य संस्कृति स्थापित की है। शासन-प्रशासन को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए जन-केंद्रित नीतियां लागू की गई हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार भी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में “जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन” की नीति पर प्रतिबद्धता से काम कर रही है। राज्य गठन के बाद से अब तक 339 भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी रंगे हाथों गिरफ्तार किए गए हैं। वहीं, पिछले तीन वर्षों में 78 भ्रष्टाचारियों और 27 अन्य मामलों में अभियुक्तों को जेल भेजा गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में भ्रष्टाचार की शिकायतों के लिए टोल-फ्री नंबर 1064 संचालित किया जा रहा है। इसके माध्यम से 10 हजार से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें 62 मामलों में ट्रैप कार्रवाई और 4 मामलों में खुली जांच की गई है। उन्होंने कहा, “राज्य में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भ्रष्टाचार करेगा, वह सलाखों के पीछे होगा।”

मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को इस अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिए।

इस अवसर पर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि समाज और शासन व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए प्रत्येक कार्मिक का सत्यनिष्ठ, ईमानदार और अनुशासित होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पिछले चार वर्षों में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण हेतु सराहनीय कदम उठाए गए हैं।

कार्यक्रम में डीजीपी  दीपम सेठ, प्रमुख सचिव  एल. फैनई, निदेशक सतर्कता  वी. मुरूगेशन, विभिन्न विभागों के सचिव और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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