उत्तराखंड में खुलेगा देश का पहला सहकारी विश्वविद्यालय का कैंपस – डॉ. धन सिंह रावत

गुजरात के सहकारी मॉडल से मिलेगा प्रशिक्षण और नवाचार में सहयोग, त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय से बदलेगा सहकारिता का परिदृश्य


अहमदाबाद/देहरादून, उत्तराखंड सहकारिता क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने घोषणा की है कि राज्य में देश के पहले सहकारी विश्वविद्यालय ‘त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय’ का कैंपस खोला जाएगा।
यह घोषणा उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने गुजरात दौरे के दौरान गांधीनगर में की, जहाँ उन्होंने गुजरात सरकार के सहकारिता मंत्री जगदीश विश्वकर्मा और अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में भाग लिया।

त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय: शिक्षा, प्रशिक्षण और शोध का नया केंद्र

डॉ. रावत ने बताया कि यह विश्वविद्यालय सहकारी क्षेत्र में डिग्री, डिप्लोमा और पीएचडी कार्यक्रम संचालित करेगा और पूरे देश के सहकारी प्रशिक्षण संस्थानों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार करेगा।
इस विश्वविद्यालय का नाम अमूल के संस्थापक त्रिभुवन दास पटेल के नाम पर रखा गया है और इसका मुख्य परिसर गुजरात के आनंद में स्थित IRMA (इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट) में स्थापित किया जा रहा है।

उत्तराखंड में इसके स्थानीय कैंपस की स्थापना से राज्य के युवाओं को सहकारी प्रबंधन, तकनीकी शिक्षा और ग्रामीण उद्यमिता में विशेषज्ञता हासिल करने का अवसर मिलेगा।

उत्तराखंड–गुजरात सहकारी सहयोग: नवाचार, प्रशिक्षण और डिजिटल बैंकिंग में साझेदारी

बैठक के दौरान यह निर्णय भी लिया गया कि उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक और गुजरात स्टेट कॉपरेटिव बैंक (GSCB) के बीच एक आधिकारिक अनुबंध किया जाएगा, जिसके अंतर्गत—

  • सहकारी बैंकों के कर्मचारियों को डिजिटल बैंकिंग, वित्तीय प्रबंधन और ग्राहक सेवा जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

  • एनपीए (NPA) वसूली के प्रभावी तंत्र और डिजिटल नवाचारों को उत्तराखंड में भी लागू किया जाएगा।

  • सहकारी संस्थाओं की कार्यकुशलता बढ़ाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए गुजरात मॉडल को अपनाया जाएगा।

डॉ. रावत ने कहा कि “सहकारिता को सशक्त बनाकर ही गांव, किसान, महिला और युवा को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। गुजरात ने इसमें मॉडल प्रस्तुत किया है और अब उत्तराखंड भी इसी दिशा में अग्रसर है।

बैठक में प्रमुख अधिकारी रहे उपस्थित

इस महत्वपूर्ण बैठक में दोनों राज्यों के उच्च अधिकारी उपस्थित रहे:

  • उत्तराखंड सरकार से: सचिव सहकारिता डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, निबंधक सहकारी समितियां मेहरबान सिंह बिष्ट, प्रबंध निदेशक उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक प्रदीप मेहरोत्रा, संयुक्त निबंधक नीरज बेलवाल, मंगला प्रसाद त्रिपाठी

  • गुजरात सरकार से: सचिव सहकारिता संदीप कुमार, निबंधक सहकारी समितियां श्री एम. पांडे, GSCB के एमडी, अमूल डेयरी के एमडी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी


उत्तराखंड में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय का आना न केवल शैक्षिक और तकनीकी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सहकारी आंदोलन को एक नई ऊर्जा प्रदान करेगा। यह साझेदारी उत्तराखंड को सहकारिता में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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