राहुल के कारण दक्षिण पहुंचे मोदी?
कांग्रेस पार्टी का मीडिया विभाग इन दिनों बेहद सक्रिय है। उसका एकमात्र काम कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा और राहुल गांधी को हाईलाइट करना है। कांग्रेस का मीडिया विभाग पार्टी के प्रवक्ताओं के लिए एजेंडा तय कर रहा है और सोशल मीडिया में भी एजेंडा सेट कर रहा है। भाजपा कोई भी पहल कर रही है तो उसका प्रचार हो रहा है कि राहुल गांधी की यात्रा की वजह से भाजपा ऐसा कर रही है। जब से यात्रा शुरू हुई है तब से ऐसा चल रहा है। संघ प्रमुख के मुस्लिम इमाम के पास जाने को भी यात्रा से जोड़ा गया तो हिमाचल प्रदेश के चुनाव में भाजपा की कथित मुश्किल को भी यात्रा का नतीजा बताया जा रहा है।
जाहिर है ऐसा यात्रा को सफल बताने के लिए किया जा रहा है। इसी क्रम में कांग्रेस के मीडिया सेल ने प्रचार किया है कि राहुल गांधी जैसे ही दक्षिण भारत में यात्रा पूरी करके वहां से निकले हैं और महाराष्ट्र पहुंचे हैं वैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण भारत की यात्रा पर पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी की दो दिन में चार दक्षिणी राज्यों के दौरे को राहुल की यात्रा से बनी मजबूरी बताया जा रहा है। हालांकि यह बात पूरी तरह से सही नहीं है। निश्चित रूप से भाजपा में यह चिंता है कि दक्षिण भारत में राहुल की यात्रा से कांग्रेस मजबूत हो सकती है और उसका चुनावी फायदा भी मिल सकता है। पर इसके साथ ही भाजपा इस यात्रा के पहले से दक्षिण में अपने को मजबूत करने में लगी है क्योंकि उसे भी अपनी सीटें वहीं से बढऩे की उम्मीद है।
भाजपा कम से कम दो दक्षिणी राज्यों कर्नाटक और तेलंगाना पर पहले से काफी फोकस किए हुए है। राहुल की यात्रा से पहले छह महीने में दो-तीन बार प्रधानमंत्री तेलंगाना गए और राहुल गांधी की यात्रा शुरू होने से दो महीने पहले भाजपा ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हैदराबाद में की थी। राहुल की यात्रा के बीच में भी प्रधानमंत्री कर्नाटक गए थे, जहां उन्होंने बीए येदियुरप्पा को खास तरजीह देकर राज्य के लिंगायत मतदाताओं को मैसेज दिया था। सो, इन दो राज्यों को लेकर भाजपा पहले से बहुत मेहनत कर रही है।
बाकी दो राज्यों- तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में जहां प्रधानमंत्री गए उनमें से तमिलनाडु को लेकर भाजपा को कुछ उम्मीद है। ध्यान रहे पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तमिल भाषा को महत्व देने की बात कही। उसके बाद प्रधानमंत्री का दौरा हुआ। ऐसा माना जा रहा है कि अन्ना डीएमके के एक गुट के साथ तालमेल करके या उसके नेताओं को पार्टी में शामिल करा कर भाजपा तमिलनाडु में अपनी ताकत बढ़ाएगी। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिल पाई थी लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा खाता खोलने की उम्मीद कर रही है। सो, संभव है कि राहुल गांधी की यात्रा की वजह से भाजपा को लगा हो कि प्रधानमंत्री का दक्षिण दौरा होना चाहिए लेकिन सिर्फ यही कारण नहीं है। भाजपा कर्नाटक में सरकार और लोकसभा की 23 सीटें बचाने और तेलंगाना में सरकार बनाने के लिए काफी पहले से मेहनत कर रही है।