उत्तराखंड में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, धामी ने जो कहा वो कर दिखाया
विधेयक के मुताबिक, क्षैतिज आरक्षण का लाभ उस महिला अभ्यर्थी को मिलेगा, जिसका मूल अधिवास उत्तराखंड में है, लेकिन उसने अन्य कहीं कोई स्थायी अधिवास प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किया है। यह लाभ उन महिलाओं को भी मिलेगा जिनके पास राज्य में स्थायी अधिवास प्रमाण पत्र है, बेशक उनका मूल अधिवास उत्तराखंड में नहीं है। क्षैतिज आरक्षण देने के लिए विधेयक के पीछे सरकार ने चार प्रमुख आधार (सामाजिक न्याय, अवसर की समानता, जीवन स्तर में सुधार और लोक नियोजन में लैंगिक समानता) बताए हैं। कहा है कि राज्य की विषम भौगोलिक संरचना के कारण राज्य के दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले लोग कठिन जीवन यापन करते हैं।