इंडियन नेशनल कार्टाेग्राफिक एसोसिएशन के 42वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ आयोजन, इंडियन नेवी बैंड ने बांधा शमा
उत्तराखंड के राज्यपाल महामहिम लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, (सेवानिवृत्त) द्वारा किया गया सम्मलेन का उद्घाटन
मुख्य जल सर्वेक्षक, वाइस एडमिरल अधीर अरोड़ा हैं NM इंडियन नेशनल कार्टोग्राफिक एसोसिएशन (INCA) के वर्तमान अध्यक्ष
इंडियन नेशनल कार्टोग्राफिक एसोसिएशन (INCA) की स्थापना 1979 में हुई थी और यह कार्टोग्राफी के क्षेत्र में 3000 से अधिक सदस्यों के साथ सबसे बड़े संगठनों में से एक के रूप में विकसित हुआ है। नेशनल हाइड्रोग्राफिक ऑफिस (NHO), सर्वे ऑफ इंडिया, इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन, नेशनल थीमैटिक मैप ऑर्गनाइजेशन एवं सामान पेशा वाले अन्य कई संसथान तथा यूनिवर्सिटीज जैसे संगठन इस एसोसिएशन का हिस्सा हैं। कार्टोग्राफी के विभिन्न पहलुओं में सामंजस्य स्थापित करने के लिए देश भर के विभिन्न केंद्रों में इसकी विभिन्न शाखायें कार्यरत हैं। यह बड़े गर्व की बात है कि कई मानचित्रकार, प्रख्यात वैज्ञानिक, योजनाकार और पेशेवर वर्षों से अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
मोनिका ओह माय डार्लिंग पर इंडियन नेवी बैंड का जबरदस्त परफॉर्मेंस
भारतीय जवानों को 1967 की फिल्म कारवां का मशहूर सॉन्ग पिया तू अब तो आजा… मोनिका, ओह माय डार्लिंग की धुन बजाते हुए जबरदस्त परफॉर्मेंस दी। उत्तराखंड में पहली बार इंडियन नेवी बैंड ने प्रस्तुति दी। राष्ट्रीय जल सर्वेक्षण परिसर में सर्द मौसम के वाबजूद बड़ी संख्या में मौजूद दर्शकों की मौजूदगी में शाम के समय इंडियन नेवी बैंड द्वारा संगीतमय अपनी प्रस्तुति दी गई। उत्तराखंड में पहली बार प्रस्तुति दे रहे इंडियन नेवी बैंड ने शाम 7 से बजे से संगीतमय प्रस्तुति शुरू कर माहौल को खुशनुमा बनाकर मौजूद हर शख्स को झूमने पर मजबूर कर दिया। लगभग 1 घंटे की प्रस्तुति में नेवी बैंड ने अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय, सेना व बॉलीबुड के कई गीतों पर पहनी शानदार प्रस्तुति दी।
INCA के इस 42वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मुख्य थीम ‘डिजिटल कार्टोग्राफी टू हार्नेस ब्लू इकोनॉमी (Digital Cartography to Harness Blue Economy)’ है। सम्मलेन के विचार-विमर्श को 7 उप-विषयों में विभाजित किया जायेगा। ये 7 उप-विषय हैं : मानचित्रण के लिए स्पेस टेक्नोलॉजीज (Space Technologies for Mapping), सतत विकास के लिए कार्टोग्राफिक एप्लिकेशन (Cartographic Applications for Sustainable Development), आपदा प्रबंधन में जियोमैटिक्स (Geomatics in Disaster Management), पर्यावरण योजना और प्रबंधन के लिए मैपिंग (Mapping for Environmental Planning & Management), आरएस और जीआईएस का उपयोग करके प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन एवं मानचित्रण (Natural Resourses Management and Mapping using RS and GIS), संसाधन प्रबंधन के लिए हाइड्रोग्राफी (Hydrography for Resourses Management and Mapping using RS and GIS) एवं भूमि संसाधन मानचित्रण एवं सर्वेक्षण (Land Resourse Mapping and Surveying) सभी विषय मानचित्रकार और वैज्ञानिक समुदाय के लिए समकालीन रुचि के हैं। क्षेत्र में प्रतिष्ठित कर्मियों द्वारा इन विषयों पर बड़ी संख्या में पेपर प्रस्तुत किए जाएंगे। कांग्रेस का परिणाम विकासात्मक उद्देश्यों के लिए कार्टोग्राफी को एक उपकरण के रूप में उपयोग करने की व्यवहार्यता का पता लगाना है।
इंडियन नेशनल कार्टोग्राफिक एसोसिएशन (INCA) की 42वीं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भारत के महासर्वेक्षक सुनील कुमार (संयुक्त सचिव) डीएसटी, संयुक्त मुख्य हाइड्रोग्राफर Rear Admiral लोचन सिंह पठानिया, निदेशक NATMO और प्रमुख वैज्ञानिक इसरो, एसईआरबी, आईआईआरएस, एनआरएसए, एनएटीएमओ के अतिरिक्त चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय, जाधवपुर विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के शिक्षाविद आदि शामिल होंगे।