चमोली के खैनुरी गाँव की मोटर मार्ग के खस्ताहाल. जान जोखिम में डालकर जा रहे हैं ग्रामीण..
चमोली जिले के दसौली ब्लॉक के गाँव खैनुरी मोटर के बूरे हाल है। यहाँ के वाहन चालकों का कहना है कि हम लोग अपनी जान पर खेल कर सवारियों को ले जाते हैं इस सडक को देखने वाला कोई नहीं है।
जग्गी रावत (उत्तराखंड फर्स्ट न्यूज़)
चमोली
चमोली ये जो नौ किलोमीटर की दूरी सडक़ की है बडी उबड.. खाबड ओर खतरनाक मोड है। इस क्षेत्र के लोगों का कहना हैं कि हम लोगों की मजबूरी है। क ई बार चमोली प्रशासन ओर pmgsy विभाग को अवगत करा दिया है । फिर भी मोटर मार्ग की हालत का खराब है। वहीं आपको बता दें कि खैनुरी प्रधान और स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र की काफी समस्या है लेकिन सबसे बडी समस्या सडक की है इस सडक की स्थिति है वह काफी खराब है। चमोली से खैनुरी गाँव की सडक 2008 में स्वीकृति हु थी। लेकिन 2013 की आपदा में सडक काफी क्षतिग्रस्त हो गई थी। लेकिन शासन को प्रसताव भेजा जा चुका है।
इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं। चमोली से खैनुरी क्षेत्र पर ना तो सडक का ऐलाईमेंट ठीक है ना ही इस क्षेत्र में पैटिंग तो हो चकी है आपदा के बाद से ही खस्ताहाल है ये सडक। इस क्षेत्र में जब गाडियों चलती तो धूल लोगों के घरों में घुस जाती है। खैनुरी प्रधान ओर क्षेत्र के लोगों का कहना है कि क ई बार हमने अनशन भी किया लेकिन अभी तक सडक़ नहीं सुधर पाई। वहीं दूसरी ओ ग्रामीण हिमांशु पंवार का कहना है कि उन्होंने विभाग ओर ठेकेदारों से क ई बार इस संबंध में बात की। उनकी भी किसीने नहीं सुनी ।

आज हम डिजिटल इंडिया की बात करते हैं लेकिन फरस्वाण फाट के ग्रामीण अभी भी सडक के सुधारीकरण की गुहार सरकार ओर pmgsy विभाग से लगा रहे हैं। क्षेत्र में सडक की स्थिति को देखते हुए यहां के लोगों ने कहा कि बरसात में इनको काफी दिक्कतों का सामना करना पडता है। ग्रामीणों ने गुहार लगाई है कि इस क्षेत्र में सडक मार्ग को ठीक किया जाय।
वहीं दूसरी ओर जब pmgsy विभाग गोपेश्वर चमोली से इस बारे मे हमने स्थिति जानने की कोशिश की तो ए ई ओ शिवंम रावत का कहना है कि यहां पर एक कमैटी भी बन गई है सीडीओ चमोली ओर ए डीएम चमोली ने यहां का निरीक्षण भी किया है ओर अभी हमने इसकी डी पी आर शासन को भेज दी है। इसकी जानकारी अब में यानी ए ई ओ शिवंम रावत ने कहा कि हम इसका जरूर संज्ञा लेगें। लेकिन कब ये चमोली से खैनुरी मोटर मार्ग कब सुधरेगी क्षेत्र के सभी ग्रामीण आस लगाए बैठे हैं।