रायपुर में कई दिनों से दहशत फैलाने वाला गुलदार हुआ कैद, स्थानीय लोगों ने ली राहत की सांस

देहरादून। रायपुर में शमशेरगढ़, बालावाला और तुनवाला समेत आसपास के क्षेत्र में पिछले कई दिन से आतंक का पर्याय बना गुलदार आखिरकार वन विभाग के शिकंजे में फंस गया। वन विभाग की टीम ने शमशेरगढ़ में एक मकान से गुलदार को पकड़ा। गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने के लिए टीम को करीब एक घंटे मशक्कत करनी पड़ी। टीम ने गुलदार को रायपुर रेंज के घने जंगल में छोड़ दिया। इसके बाद स्थानीय निवासियों ने राहत की सांस ली। घटनाक्रम के अनुसार गुरुवार दोपहर शमशेरगढ़ में गुलदार एक घर की चहारदीवारी पर बैठा देखा गया। क्षेत्रवासियों ने यह सूचना वन विभाग को दी। देहरादून वन प्रभाग के एसडीओ डा. उदय गौड़, रायपुर रेंजर राकेश नेगी, फारेस्ट गार्ड सरदार सिंह, पूरन रावत समेत जितेंद्र बिष्ट और सुदर्शन सिंह मौके पर पहुंचे। उस समय गुलदार आबादी क्षेत्र में चहलकदमी कर रहा था।

गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने के लिए पशु चिकित्सक की ली मदद 

इस पर गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने के लिए पशु चिकित्सक डा. प्रदीप मिश्रा को बुलाया गया। इस बीच गुलदार एक घर में घुस गया। इससे पहले घर में मौजूद सदस्य सुरक्षित स्थान पर जा चुके थे। वन विभाग की टीम ने घर को चारों तरफ से घेरकर गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की प्रक्रिया शुरू की। करीब एक घंटे की मेहनत के बाद टीम ने गुलदार को ट्रेंकुलाइज कर लिया। इसके बाद गुलदार के ऊपर जाल डालकर उसे पिंजरे में कैद कर लिया गया। गुलदार को देखने के लिए क्षेत्रवासियों का भी तांता लगा रहा।

गुलदार की दहशत से घर से बाहर निकलना हो रखा था मुश्किल 

यह गुलदार बालावाला, नथुआवाला, मियांवाला, तुनवाला, नकरौंदा आदि क्षेत्रों में कई दिन से दहशत का सबब बना हुआ था। पिछले कई दिन से आबादी क्षेत्र में गुलदार देखा जा रहा था। इससे क्षेत्रवासियों का घर से बाहर निकलना दूभर हो गया था। दीपावली की रात गुलदार बिष्ट मोहल्ले में आ धमका था। इसकी सूचना वन विभाग को दी गई, मगर वन विभाग की टीम के मौके पर पहुंचने तक गुलदार वहां से जा चुका था। उसी रोज रात को लगभग डेढ़ बजे गुलदार शमशेरगढ़ और आर्य समाज मोहल्ले में भी देखा गया। गुलदार की चहलकदमी से परेशान स्थानीय निवासियों ने गुलदार को शीघ्र नहीं पकड़ने पर रायपुर रेंज कार्यालय के घेराव की चेतावनी दी थी।

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