उत्तराखंड कांग्रेस में फिर बगावत, अब इन दो वरिष्ठ नेताओं ने दी पार्टी छोड़ने की धमकी..

हल्द्वानी। विधानसभा चुनाव करीब है, मगर उत्तराखंड कांग्रेस अभी अपने नेताओं को एक कर पाने में नाकाम साबित हुई है। इधर, टिकट की दावेदारी को लेकर नेताओं आैर कार्यकर्ताओं में विराेध और बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला नैनीताल विधानसभा सीट (nainital assembly seat) को लेकर है। इस सीट से कांग्रेस के दो दावेदार हेम आर्य व सरिता आर्य ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस कर टिकट न मिलने पर पार्टी छोडऩे की धमकी दी है।

इन दोनों नेताओं का इशारा नैनीताल सीट (nainital assembly seat) से टिकट के पक्के दावेदार माने जा रहे संजीव आर्य की तरफ है, जो हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। संजीव और उनके पिता यशपाल आर्य पांच साल पहले कांग्रेस में ही थे, मगर 2017 के चुनाव में दोनों भाजपा में शामिल हो गए। संजीव भाजपा से नैनीताल विधायक भी बने। और अब एक बार फिर चुनाव आते ही दोनों कांग्रेस में शामिल हो गए हैं और टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।

इसी को लेकर महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य के साथ कांग्रेस नेता हेमा आर्य ने प्रेस वार्ता की। प्रेस कांफ्रेंस में हेम आर्य ने कहा कि वह पिछले पांच सालों से कांग्रेस के लिए कार्य कर रहे हैं और हमेशा पार्टी के हर फैसले का उन्होंने सम्मान किया है। वह उस समय भी पार्टी के साथ खड़े रहे, जब कांग्रेस के बड़े नेता भाजपा में शामिल हुए। और पार्टी को नए सिरे से खड़ा किया। चुनाव में हर सीट का महत्व है। कांग्रेस की सरकार तभी बनेगी जब जीतने वाले उम्मीदवार को टिकट दिया जाए। दल बदलुओं को टिकट देने से नैनीताल (nainital assembly seat) व बाजपुर दोनो सीटों को खतरा है। यदि पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती है तो वह उस का विरोध करेंगे। और पार्टी छोड़ भाजपा या अन्य पाॢटयों से चुनाव लडऩे को मजबूर होंगे।

सरिता आर्य ने कहा कि वह 2012 में विधायक (nainital assembly seat) रही। वही 2017 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। हार के बाद उन्होंने पुन: पार्टी को खड़ा किया है। जिस तरह राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गाँधी ने यूपी में 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने की घोषणा की है। उसमें उत्तराखंड को भी शामिल किया जाए। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते प्रदेश की महिलाओं की भी उनसे काफी उमीदें है। महिलाएं उनसे कहा रही हैं। तुम्हें टिकट नही मिल रहा तो तुम हमें क्या टिकट दिलवाओगी।

उन्होंने कहा कि 2017 में लोगों ने अपने हितों के लिए पार्टी बदल ली। लेकिन वह पार्टी के साथ खड़ी रही। चुनावी दौर है पार्टी में आने-जाने का सिलसिला चलता रहेगा। आने वालों का स्वागत है। पर यदि उन्हें टिकट नहीं मिलता है तो वह भी अन्य विकल्प तलासने को मजबूर होंगी।

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