देहरादून, 27 जून 2025 देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े छात्रों का 50-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को छात्र संसद इंडिया के इंटरनेशनल नॉलेज टूर्स के तहत आयोजित नेशनल गवर्नेंस टूर के अंतर्गत देहरादून स्थित सचिवालय पहुंचा। वहां उनकी उत्तराखंड राज्य के नीति नियोजन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक गंभीर, संवादात्मक नीति विमर्श का आयोजन किया गया। इस प्रतिनिधिमंडल का स्वागत सी.पी.पी.जी.जी (Centre for Public Policy and Good Governance) एवं नियोजन विभाग द्वारा किया गया।
प्रतिनिधिमंडल में देश के अग्रणी संस्थानों के युवा
प्रतिनिधिमंडल में देश के अग्रणी संस्थानों जैसे IIT, IIM, NLU, IIFT एवं अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से आए छात्र शामिल थे। इन विद्यार्थियों ने न केवल शासकीय कार्यप्रणालियों को निकट से देखा, बल्कि शासन, नीति निर्माण और विकासीय योजनाओं के यथार्थ पक्ष को समझने का प्रयास किया।
नीति निर्माण में युवाओं की भूमिका पर विस्तार से चर्चा
कार्यक्रम के दौरान सचिव नियोजन, डॉ. श्रीधर बाबू अड्डांकी ने प्रतिनिधिमंडल को उत्तराखंड राज्य की विकास रणनीति, पारदर्शिता आधारित शासन प्रणाली, और डेटा-संचालित नीति निर्माण के महत्व पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं को भागीदारी आधारित प्रशासन, साक्ष्य-आधारित नीतियों, और स्थायी विकास के विचारों से जोड़ने पर बल दिया।
उन्होंने छात्रों को नीति निर्माण से जुड़ने, प्रशासनिक प्रक्रिया को समझने और समाज के व्यापक हित में रचनात्मक भूमिका निभाने की प्रेरणा दी।
नीति विश्लेषण, नवाचार और मूल्यांकन की समझ
डॉ. मनोज कुमार पंत, निदेशक सेतु आयोग और अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सी.पी.पी.जी.जी, ने उत्तराखंड में नीति नवाचार, डिजिटल शासन, डेटा एनालिटिक्स, और योजनाओं के प्रभाव मूल्यांकन पर गहराई से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे उत्तराखंड में सरकारी नीतियां केवल परिकल्पना पर नहीं, बल्कि ठोस आँकड़ों पर आधारित होती हैं, जिससे उनकी पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित होती है।
उन्होंने सेतु आयोग और सी.पी.पी.जी.जी. की कार्यशैली, उद्देश्य और राज्य की रणनीतिक विकास योजनाओं में उनकी सहभागिता को भी छात्रों के समक्ष सरल और प्रभावी भाषा में प्रस्तुत किया।
छात्रों की सक्रिय भागीदारी और प्रश्नोत्तर
प्रतिनिधिमंडल के छात्रों ने संवाद के दौरान नीति निर्माण, योजना कार्यान्वयन और नीतियों के जमीनी प्रभाव को लेकर उत्साहपूर्वक प्रश्न पूछे। छात्रों ने यह भी साझा किया कि यह संवादात्मक अनुभव न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि उन्हें देश के प्रशासनिक ढांचे से जुड़ने और भविष्य के नेतृत्व की जिम्मेदारी को समझने का मंच मिला।
छात्र प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कुनाल शर्मा (संस्थापक-अध्यक्ष, छात्र संसद इंडिया) ने किया, जिनके साथ आदित्य वेगड़ा (उपाध्यक्ष), मानस तिवारी, विदि शर्मा, शशांक शेखर पांडे, और कुनाल ठाकुर ने मिलकर इस पूरे गवर्नेंस टूर और संवाद को सफल और संगठित रूप से संचालित किया।
युवा संवाद – भविष्य की दिशा
यह संवाद न केवल नीति स्तर पर एक नवाचार रहा, बल्कि इसने छात्र प्रतिनिधियों को साक्षात्कार-आधारित शासन तंत्र को प्रत्यक्ष रूप में देखने-समझने का अवसर दिया। यह कार्यक्रम युवा वर्ग को लोकतंत्र की गहराईयों से जोड़ने और राष्ट्र निर्माण में उनकी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रभावी पहल सिद्ध हुआ।