“भ्रष्टाचार पर कड़ी चोट करने वाली उत्तराखंड की जांबाज़ IPS रचिता जुयाल का अचानक इस्तीफा, वजह बनी पहेली”

देहरादून: उत्तराखंड कैडर की 2015 बैच की चर्चित आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल ने अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। अपने कड़क रवैये और ईमानदार छवि के लिए जानी जाने वाली रचिता ने हाल ही में विजिलेंस एसपी के तौर पर एक बड़े भ्रष्टाचार मामले का खुलासा किया था। लेकिन इसी कार्रवाई के कुछ ही दिनों बाद उन्होंने इस्तीफा देकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही थी मुहिम

रचिता जुयाल को उत्तराखंड के तेज-तर्रार और बेबाक अधिकारियों में गिना जाता था। अल्मोड़ा और बागेश्वर जैसे संवेदनशील जिलों में बतौर एसपी उन्होंने कानून व्यवस्था को मजबूती दी। हाल ही में एसपी विजिलेंस के रूप में उन्होंने एक बड़ा कदम उठाते हुए देहरादून के आईएसबीटी चौकी इंचार्ज को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। इस कार्रवाई को राज्यभर में सराहा गया और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके अभियान की जमकर तारीफ हुई।

अचानक लिया इस्तीफे का फैसला

लेकिन इस कार्रवाई के कुछ ही दिनों बाद रचिता ने अपने पद से इस्तीफा देकर सबको अचरज में डाल दिया। उनके इस्तीफे की खबर सामने आने के बाद आम जनता से लेकर प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है। रचिता ने अपने इस्तीफे के पीछे “निजी कारणों” का हवाला दिया है, लेकिन उन्होंने विस्तार से कुछ भी नहीं बताया, जिससे अटकलों का दौर शुरू हो गया है।

व्यक्तिगत जीवन में भी रही हैं सुर्खियों में

रचिता ने वर्ष 2022 में फिल्म निर्माता यशस्वी जुयाल से विवाह किया था। यशस्वी जुयाल प्रसिद्ध अभिनेता और डांसर राघव जुयाल के भाई हैं। रचिता खुद एक पुलिस अधिकारी के परिवार से आती हैं—उनके पिता भी पुलिस सेवा में रह चुके हैं और उन्हीं से प्रेरणा लेकर उन्होंने आईपीएस बनने का फैसला किया था।

केंद्र की मंज़ूरी बाकी

हालांकि उन्होंने राज्य सरकार को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, लेकिन नियमों के अनुसार उनके इस्तीफे को केंद्र सरकार की अंतिम स्वीकृति की आवश्यकता है। फिलहाल इस पर निर्णय लंबित है।


जनता और सहयोगियों में निराशा

IPS रचिता जुयाल के इस्तीफे से न सिर्फ पुलिस विभाग, बल्कि आम जनता और उनके साथ काम करने वाले अधिकारी भी स्तब्ध हैं। जिन लोगों ने उन्हें एक निष्पक्ष और निडर अधिकारी के रूप में देखा था, उनके लिए यह खबर बेहद निराशाजनक है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या केंद्र सरकार उनके इस्तीफे को स्वीकार करती है, और यदि हां, तो क्या रचिता जुयाल भविष्य में किसी अन्य भूमिका में समाज की सेवा करेंगी या पूर्णतः सार्वजनिक जीवन से दूर हो जाएंगी।

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