उत्तराखण्ड के ग्रामीण विकास और संपर्क व्यवस्था को मज़बूती देने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की, जहां राज्य के कृषि, ग्रामीण विकास और आपदा पुनर्निर्माण से जुड़े अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। इस बैठक का सबसे बड़ा परिणाम यह रहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश की 184 नई ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए 1700 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण मंजूरी प्रदान की है। इन सड़कों की कुल लंबाई लगभग 1228 किलोमीटर होगी, जो दूरस्थ गांवों तक पहुंच को आसान बनाएगी और वहां की अर्थव्यवस्था, पर्यटन तथा जनजीवन को नई गति देगी।
मुख्यमंत्री धामी ने बैठक में हाल की प्राकृतिक आपदा से हुए भारी नुकसान की भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आपदा में पूरे प्रदेश की 946 सड़कें और 15 बड़े पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिनके पुनर्निर्माण और मरम्मत पर 650 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। साथ ही, आपदा प्रभावित लगभग 5900 घरों के पुनर्निर्माण के लिए भी राज्य सरकार ने केंद्र से वित्तीय सहायता की मांग की है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि पर्वतीय राज्य की भौगोलिक परिस्थितियाँ पुनर्निर्माण को और चुनौतीपूर्ण बनाती हैं, जिस कारण केंद्र का सहयोग अत्यंत आवश्यक है।
बैठक में किसानों से जुड़े मुद्दे भी प्रमुख रहे। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि उत्तराखण्ड के 90 प्रतिशत किसान लघु और सीमांत वर्ग के हैं, जिन्हें जंगली जानवरों द्वारा फसलों के नुकसान की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या से निपटने के लिए उन्होंने अगले पाँच वर्षों तक प्रतिवर्ष 200 करोड़ रुपये का विशेष बजट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया, ताकि पूरे राज्य में प्रभावी घेराबंदी की जा सके। इस पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आश्वासन दिया कि घेराबंदी कार्यों को शीघ्र शुरू कराने के लिए अग्रिम धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।
इसी दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) के तहत स्वीकृत 98 करोड़ रुपये की राशि भी शीघ्र जारी करने की मांग रखी। केंद्रीय मंत्री ने उत्तराखण्ड की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने और हरसंभव सहयोग प्रदान करने का भरोसा दिया। बैठक में सांसद महेन्द्र भट्ट, कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, पीएमजीएसवाई के सीईओ आलोक कुमार पांडे सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। यह बैठक राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है, जिससे ग्रामीण ढांचा विकास, आपदा पुनर्निर्माण और कृषि सुरक्षा को बड़ा बल मिलेगा।