Uttarakhand: दुर्गम क्षेत्रों में गर्भवती को मिलेगी हेली एंबुलेंस, मुख्य सचिव के निर्देश.. जारी होगी SOP

अक्सर देखा गया है कि उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में सड़क का अभाव होने पर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है गर्भवती महिलाओं का समय पर अस्पताल पहुंचना।

देहरादून: एम्स द्वारा संचालित हेली एंबुलेंस सेवा का लाभ अब प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों में गंभीर हालत में गर्भवती महिलाओं को भी मिलेगा। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने हेली एंबुलेंस सेवा की मानक संचालन प्रक्रिया में गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता देने का निर्देश जारी किया है।

Pregnant Women in Remote Areas Will Also Get Heli Ambulance Facility
मुख्य सचिव ने सचिवालय में हेली एंबुलेंस सेवा की शुरुआत को लेकर अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। उन्होंने निर्देशित किया कि हेली एंबुलेंस के संचालन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को शीघ्र अंतिम रूप दिया जाए। इसके लिए एम्स ऋषिकेश जिलाधिकारियों, सीएमओ, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ समन्वय कर SOP तैयार की जाए और स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाए। मुख्य सचिव ने विशेष रूप से हेली एंबुलेंस सेवा में राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों की गंभीर स्थिति वाली गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता देने का आदेश दिया।

एयरो मेडिकल सेवा की तैयारी में आई तेजी
बैठक में एम्स ऋषिकेश के अधिकारियों ने बताया कि एयरो मेडिकल सर्विस की SOP का प्रस्ताव तैयार हो चुका है और हेली एंबुलेंस सेवा के लिए एक कॉल सेंटर स्थापित कर दिया गया है। हेल्पलाइन ऑडिट प्रक्रिया की गुणवत्ता में सुधार पर भी काम चल रहा है, साथ ही एम्स के मेडिकल स्टाफ और टीम के क्षमता विकास के प्रयास भी जारी हैं। इस बैठक में अपर सचिव सोनिका, नमामि बंसल, और एम्स निदेशक डॉ. मीनू सिंह भी उपस्थित थे।

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