देहरादून, उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए शिक्षा विभाग और देश के प्रतिष्ठित उद्योग समूहों के बीच बुधवार को राजभवन में सीएसआर साझेदारी के तहत एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। ‘‘भविष्य के लिए तैयार स्कूलों के निर्माण’’ (Building Future Ready Schools through CSR) नामक इस पहल में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विशेष रूप से शिरकत की।
एमओयू पर हस्ताक्षर शिक्षा विभाग ने आईजीएल, रिलैक्सो फुटवियर, कन्विजीनियस, ताज ग्रुप एवं गोंडवाना रिसर्च जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ किए। इस साझेदारी के तहत प्रदेश के 550 सरकारी विद्यालयों को गोद लिया जाएगा और उन्हें आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा।
राज्यपाल ने इसे बताया निर्णायक कदम
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने इस पहल को राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने वाला ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि सीएसआर के माध्यम से उद्योग जगत की भागीदारी से न केवल सरकारी स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर सुधरेगा बल्कि डिजिटल शिक्षा, पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं और खेल सामग्री जैसी सुविधाएं भी बेहतर होंगी।
राज्यपाल ने कहा, “यह योजना दूरगामी प्रभाव डालेगी और पर्वतीय क्षेत्रों के बच्चों को भी समान अवसर उपलब्ध कराएगी।” उन्होंने शिक्षा विभाग से पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्धता बनाए रखने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा शिक्षा के इतिहास में मील का पत्थर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकारी विद्यालयों को उद्योगपतियों और प्रवासी उत्तराखंडियों द्वारा गोद लेने का यह निर्णय शिक्षा के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। इसके तहत स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, विज्ञान प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब, स्वच्छ शौचालय और खेल सामग्री जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
सीएम ने कहा कि इस पहल से ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों के बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिल सकेगी।
शिक्षा मंत्री ने जुड़ाव को बढ़ाने की पहल की
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जानकारी दी कि 294 उद्योगपतियों से वार्ता की गई, जिनमें से 280 ने विद्यालयों को गोद लेने की सहमति दी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी विधायक भी अपने-अपने क्षेत्रों में कम से कम एक विद्यालय को अवस्थापना सुविधाओं के लिए सहयोग देने का आश्वासन दे चुके हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कई पुराने छात्र अपने स्कूलों को गोद लेना चाहते हैं लेकिन कोई विशेष एसओपी न होने के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है। जल्द ही इसके लिए एसओपी जारी किया जाएगा ताकि पुरातन छात्र और प्रवासी उत्तराखंडी भी इस अभियान से जुड़ सकें।
बेहतर भविष्य की दिशा में कदम
इस कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ उद्योग जगत के कई प्रतिनिधि मौजूद रहे। सचिव रविनाथ रमन, अपर सचिव रंजना राजगुरु, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. मुकुल कुमार सती और निदेशक प्रारंभिक शिक्षा अजय नौटियाल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।