उत्तराखंड ब्रेकिंगः उत्तराखंड भाजपा में जल्द होने वाला है बड़ा बदला
देहरादूनः उत्तराखंड में जैसे- जैसे चुनाव करीब आ रहे है। वैसे-वैसे सभी राजनीतिक पार्टियां कमर कस चुकी है। बीजेपी ने सीएम बदलने के बाद मंत्रियों के दायित्वों में बदलाव किया। कांग्रेस ने एक साथ पांच अध्यक्ष बनाएं है। वहीं अब एक बार फिर भाजपा में बड़ा बदलाव होने वाला है। खबर है कि जल्द ही बीजेपी नई बिसात खेलने वाली है। सूत्रों के अनुसार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की जगह किसी और को जिम्मेदारी दे सकती है। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि बीजेपी मदन कौशिक के साथ एक और कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है।
बता दें कि प्रदेश में क्षेत्रिय और जातीय समीकरण को चुनाव के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता लगा है। उत्तराखंड बनने के बाद से इसे बेहद मानते हुए मंत्रियों को इसी के तहत दायित्वों को दिया जाता है। कांग्रेस भी इसी समीकरण के तहत जनता को साधने की कोशिश करती है। अब भाजपा में भी जातीय समीकरण के मद्देनजर बदलाव की खबरे आ रही है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा प्रदेश में गढ़वाल के ब्राह्मण चेहरे को अध्यक्ष पद पर लाने का प्रयास कर रही है। आपको बता दें कि हरिद्वार सीट से विधायक और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक मैदान से हैं, पहाड़ में उनकी उतनी स्वीकार्यता नहीं है। खुद बीजेपी संगठन के भीतर ये कमी महसूस की जाती रही है। जिसके तहत अब बड़ा कदम उठाया जा सकता है। भाजपा जब पांच साल में तीन सीएम दें सकती है, तो प्रदेश अध्यक्ष का बदलना कोई बड़ी बात नहीं होगी। अब देखना होगा कि ये जिम्मेदारी किसे दी जाती है।
गौरतलब है कि तीसरे सीएम पुष्कर धामी भी भले ही जन्मे पहाड़ में हों, लेकिन उनकी कर्मस्थली मैदान के तराई की खटीमा सीट ही रही है। हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को भी केंद्रीय कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाकर कुमाऊं के नैनीताल से सांसद अजय भटट को केंद्र में राज्य मंत्री बना दिया गया। गढ़वाल क्षेत्र से त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहते क्षेत्रीय समीकरणों को साधने के लिए कुमाऊं से बंशीधर भगत को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। उधर नेतृत्व परिवर्तन के बाद तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बने और मदन कौशिक को मैदान से ब्राह्मण चेहरे के रूप में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली। अब भाजपा पहाड़ से किसी ब्राह्मण चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहती है। हालांकि, भाजपा इन सभी चर्चाओं और आशंकाओं को खारिज कर रही है। साथ ही ब्राह्मणों को साधने की बात से भी साफ तौर पर इनकार कर रही है. इसे कांग्रेस द्वारा प्रचारित प्रसारित करने का आरोप भी भाजपा लगा रही है।