उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली क्षेत्र में एक बार फिर निर्माणाधीन वैली ब्रिज गिर गया, जिससे स्थानीय ग्रामीणों की परेशानियाँ बढ़ गई हैं। यह 60 मीटर लंबा ब्रिज रतगांव को जोड़ने के लिए प्राणमती नदी पर घटगाड़ में बनाया जा रहा था। लेकिन निर्माण के दौरान ही यह अचानक भरभराकर गिर गया, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी और चिंता दोनों देखी जा रही है।
गौरतलब है कि कुछ साल पहले इसी स्थान पर बना मोटर पुल नदी में आई बाढ़ की चपेट में आकर बह गया था। तब से ग्रामीण आवाजाही के लिए परेशान हैं, विशेष रूप से बरसात के मौसम में। ग्रामीणों का कहना है कि वे बीते दो वर्षों से शासन-प्रशासन और लोक निर्माण विभाग के चक्कर काट रहे थे, जिसके बाद इस वैली ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हो पाया था।
लेकिन अब जब पुल का कार्य थोड़ा आगे बढ़ा, तभी वह टूटकर गिर गया। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण कार्य में लापरवाही और विभागीय अधिकारियों की अनुभवहीनता इसका कारण है। उनका कहना है कि यदि बरसात से पहले पुल का निर्माण नहीं हुआ, तो वे एक बार फिर से अपने ही गांव में कैद होकर रह जाएंगे।
वहीं, लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता जगदीश कुमार टम्टा ने बताया कि पुल के गिरने में मजदूरों की गलती सामने आई है। हालांकि गनीमत यह रही कि हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। विभाग जल्द ही निर्माण कार्य को दोबारा शुरू करेगा और दावा किया गया है कि कार्य एक-दो दिन में फिर से प्रारंभ कर दिया जाएगा।
ग्रामीणों की उम्मीदें अब इस बात पर टिकी हैं कि विभाग समय रहते सही कदम उठाए, ताकि आने वाले मानसून से पहले यह पुल तैयार हो सके और उन्हें राहत मिल सके।