देहरादून में ‘मैडथॉन 2025’ का जोश: जलधाराओं के संरक्षण के लिए उमड़े हज़ारों लोग, MAD ने मनाई 14वीं वर्षगांठ

देहरादून, देहरादून की सामाजिक चेतना में एक बार फिर सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ जब समाजसेवी संगठन ‘मेकिंग अ डिफरेंस बाय बीइंग द डिफरेंस’ (MAD) ने अपनी 14वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘मैडथॉन 2025’ नामक एक विशाल जागरूकता दौड़ का आयोजन किया। यह दौड़ केवल एक मैराथन नहीं थी, बल्कि देहरादून की सूखती और प्रदूषित हो रही जलधाराओं — विशेष रूप से रिस्पना और बिंदाल — के संरक्षण के लिए जनता से संवाद और समर्पण का आह्वान थी।

प्रातः 5:30 बजे से ही देहरादून के परेड ग्राउंड पर युवाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। लगभग 5000 प्रतिभागियों ने दौड़ में भाग लिया, जिनमें बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक की भागीदारी देखने को मिली। आयोजन की शुरुआत देहरादून के मेयर श्री सौरव थपलियाल द्वारा हरी झंडी दिखाकर की गई।


प्लास्टिक मुक्त, पर्यावरण के अनुकूल आयोजन

‘मैडथॉन’ का सबसे खास पहलू यह रहा कि पूरा आयोजन प्लास्टिक मुक्त रखा गया। प्रचार के लिए लगाए गए बैनर प्लास्टिक की बजाय कपड़े पर हाथ से बनाए गए थे, जिसे MAD के स्वयंसेवकों ने खुद तैयार किया। प्रतिभागियों के लिए तैयार किया गया नाश्ता – सैंडविच, पेय और अन्य रिफ्रेशमेंट – प्लास्टिक के किसी भी प्रकार के पैकेजिंग के बिना, स्वयंसेवकों के घरों में रात भर मेहनत करके तैयार किया गया। यह आयोजन पर्यावरणीय आदर्शों के प्रति MAD की निष्ठा का सजीव उदाहरण था।


जलधाराओं के संरक्षण का सजीव चित्रण

परेड ग्राउंड को इस रूप में सजाया गया था कि देहरादून की नदियों की कहानी स्वयं स्थल पर जीवंत हो उठे। ग्राउंड के विभिन्न हिस्सों में रिस्पना और बिंदाल नदियों के उद्गम, उनके ऐतिहासिक महत्व, उनके वर्तमान संकट और पुनर्जीवन की संभावनाओं को कलात्मक ढंग से दर्शाया गया था। यह प्रदर्शन न केवल दर्शनीय था, बल्कि शैक्षिक और चेतनाप्रद भी।


प्रसिद्ध हस्तियों की उपस्थिति और समर्थन

इस आयोजन में कई जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की और MAD के कार्यों की सराहना की।
इनमें प्रमुख रूप से:

  • पी. सी. तिवारी – विख्यात चिपको आंदोलनकारी

  • अभिनव थापर, एस. के. त्यागी, परमजीत कक्कड़, और रवि चोपड़ा जैसे पर्यावरण और सामाजिक न्याय के कार्यकर्ता शामिल रहे।

इन्होंने MAD के प्रयासों को युवाओं की एक नई चेतना करार दिया और कहा कि ऐसी पहलें ही भविष्य की दिशा तय करेंगी।


विजेताओं की सूची

मैडथॉन की दौड़ में विभिन्न आयु वर्ग के प्रतिभागियों के लिए पुरस्कार घोषित किए गए।
पुरुष वर्ग में विजेता:

  • सबल कंडारी

  • कलम सिंह बिष्ट

  • लक्ष्मण लामा

  • नितिन भंडारी

महिला वर्ग में विजेता:

  • मीणा कंधारी

  • कांति जी

  • अलका जी


स्वयंसेवकों की प्रेरक भूमिका

MAD का यह आयोजन पूरी तरह स्वयंसेवकों के समर्पण और सामूहिक प्रयास का परिणाम था।
संगठन की ओर से आर्ची बिष्ट, आशीष वर्मा, प्रिंस कंपू, खुशबू नेगी, महक नेगी, यश सिंघल, यश भारती, अर्पित, संचित, दीपांशु, श्रेया बंसल, पार्थ पंत, अंबिका आदि युवाओं ने आयोजन की हर छोटी-बड़ी ज़िम्मेदारी स्वयं निभाई।

इस आयोजन के लिए किसी सरकारी फंडिंग का उपयोग नहीं हुआ। मुख्यतः टॉन्सब्रिज स्कूल, एलोरस मेल्टिंग मोमेंट्स, सुविधा सुपरमार्केट और दिल से चॉकलेट्स जैसे संस्थानों ने स्वेच्छा से सहयोग किया।


संस्था का उद्देश्य और आगे की दिशा

MAD की स्थापना वर्ष 2011 में हुई थी, और तब से यह संस्था देहरादून में जल संरक्षण, वृक्षारोपण, प्लास्टिक विरोधी अभियान, और ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सक्रिय है। मैडथॉन 2025 के माध्यम से संस्था ने साफ़ संदेश दिया है कि अगर आम जनता और युवा जागरूक हो जाएं, तो शहर की नदियों को फिर से जीवनदान मिल सकता है।


‘मैडथॉन 2025’ न केवल एक सफल आयोजन था, बल्कि यह एक ऐसी चेतना की शुरुआत थी, जिसमें देहरादून के नागरिक अपनी नदियों, पर्यावरण और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के प्रति जागरूक हो रहे हैं। यह पहल दिखाती है कि एक छोटा समूह भी बड़ी सोच और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ परिवर्तन की नींव रख सकता है।

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