दून विश्वविद्यालय में बनेगा देश का दूसरा हिन्दू अध्ययन केन्द्र

देहरादून, 1 अगस्त 2025 भारतीय ज्ञान परम्परा को संरक्षित और प्रसारित करने की दिशा में दून विश्वविद्यालय एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने घोषणा की है कि विश्वविद्यालय में शीघ्र ही “हिन्दू अध्ययन केन्द्र” की स्थापना की जायेगी। यह बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के बाद देश का दूसरा संस्थान होगा, जहां वेद, पुराण और भारतीय दर्शन का विधिवत अध्ययन कराया जायेगा।

डॉ. रावत ने सचिवालय स्थित डीएमएमसी सभागार में दून विश्वविद्यालय की समीक्षा बैठक के दौरान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल को केन्द्र की स्थापना से जुड़ी सभी औपचारिकताएं शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि यह केन्द्र भारतीय आध्यात्मिक एवं दार्शनिक परंपराओं के विश्लेषण, संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए एक महत्वपूर्ण मंच का कार्य करेगा।

शिक्षण और अनुसंधान की समग्र व्यवस्था हिन्दू अध्ययन केन्द्र में भारतीय दर्शन, साहित्य, इतिहास, समाजशास्त्र, कला, वास्तुकला आदि विषयों पर बहुविषयक अध्ययन, शोध और प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी। चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में तत्त्व विमर्श, धर्म एवं कर्म विमर्श, रामायण-महाभारत, नेतृत्व एवं संगठनात्मक व्यवहार जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे, जबकि परास्नातक स्तर पर हिन्दू दर्शन, धर्म, साहित्य, समाज और नेतृत्व क्षमता जैसे विषयों पर गहन अध्ययन किया जाएगा।

भारतीय शोध पद्धति को मिलेगा बढ़ावा डॉ. रावत ने कहा कि यह केन्द्र न केवल आधुनिकता और परंपरा के बीच सेतु का कार्य करेगा, बल्कि नैतिकता, सांस्कृतिक चेतना और विश्लेषणात्मक सोच से युक्त युवा नेतृत्व तैयार करेगा। इसके माध्यम से भारतीय अनुसंधान पद्धति को भी नई ऊर्जा मिलेगी।

अन्य शैक्षणिक केन्द्रों की भी समीक्षा बैठक के दौरान डॉ. रावत ने डॉ. नित्यानंद हिमालयी शोध एवं अध्ययन केन्द्र तथा एमएससी अर्बन डेवलपमेंट मैनेजमेंट कार्यक्रम की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने विश्वविद्यालय को ‘सेंटर फॉर एक्सीलेंस’ के रूप में विकसित करने के लिए ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए।

बैठक में सचिव उच्च शिक्षा डॉ. रणजीत सिन्हा, संयुक्त सचिव विक्रम सिंह यादव, उप सचिव ब्योमकेश दुबे, वित्त नियंत्रक स्मृति खंडूडी, उप कुलसचिव दुर्गेश डिमरी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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