मुख्यमंत्री के लिए नारे और कांग्रेस की चिंता: विधायक मदन बिष्ट के बयान से सियासत में हलचल”

मुख्यमंत्री के लिए नारे और कांग्रेस की चिंता: विधायक मदन बिष्ट के बयान से सियासत में हलचल”

देहरादून (उत्तराखंड) – कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट एक बार फिर से सियासी हलकों में चर्चा का केंद्र बन गए हैं। इस बार वजह बनी है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पक्ष में उनका दिया गया जोरदार समर्थन, जिसमें उन्होंने ‘सीएम जिंदाबाद’ के नारे तक लगा दिए। कांग्रेस जहां इस मामले को साधने में जुटी है, वहीं बीजेपी इसे कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान और दोमुंही राजनीति के उदाहरण के तौर पर भुनाने की कोशिश में है।

चौखुटिया मेले में उठे नारे, कांग्रेस में मचा घमासान

मामला चौखुटिया में आयोजित ‘चैत्र अष्टमी मेला’ कार्यक्रम का है, जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में द्वाराहाट से कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट भी मंच पर मौजूद थे। उन्होंने मंच से छह सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा, जिस पर मुख्यमंत्री धामी ने मौके पर ही घोषणाएं कर दीं। इससे गदगद हुए मदन बिष्ट ने न सिर्फ ‘मुख्यमंत्री जिंदाबाद’ के नारे लगाए, बल्कि जनता से भी यही नारे लगाने की अपील की।

विधायक ने दी सफाई – ‘मैं कांग्रेस का सच्चा सिपाही’

मामले के तूल पकड़ने पर कांग्रेस खेमे में हलचल मच गई। वहीं, विधायक मदन बिष्ट ने मीडिया से बातचीत में कहा,

“मुख्यमंत्री जब किसी क्षेत्र में आते हैं तो वहां के विधायक का मौजूद रहना प्रोटोकॉल का हिस्सा होता है। मैंने क्षेत्र की जनता की समस्याएं रखीं और सीएम ने तत्काल समाधान भी दिया। इस पर आभार व्यक्त करना स्वाभाविक है।”

उन्होंने आगे कहा,

“मैं वही मदन बिष्ट हूं जिसने 2016 में कांग्रेस सरकार को टूटने से बचाया था। मैं यूथ कांग्रेस से लेकर सेवादल तक पार्टी के लिए लड़ा हूं। कांग्रेस मेरा परिवार है, और मैं हमेशा इसका हिस्सा रहूंगा।”

कांग्रेस ने किया बचाव – ‘मुख्यमंत्री पूरे राज्य के होते हैं’

कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने भी मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,

“अगर विधायक ने मुख्यमंत्री के अच्छे कामों की सराहना की है, तो इसमें कोई अनुचित बात नहीं है। मुख्यमंत्री किसी एक पार्टी के नहीं होते, बल्कि पूरे प्रदेश के होते हैं। राजनीति से ऊपर उठकर विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए।”

राजनीतिक विश्लेषक बोले – कांग्रेस के लिए चेतावनी का संकेत

राजनीतिक जानकार आदेश त्यागी ने इसे कांग्रेस के लिए ‘सिग्नल’ करार देते हुए कहा,

“उत्तराखंड एक छोटा राज्य है, यहां हर राजनीतिक गतिविधि तुरंत सामने आ जाती है। कांग्रेस पहले ही संकट के दौर से गुजर रही है, ऐसे में पार्टी के विधायक अगर मंच से सत्ता की प्रशंसा करेंगे, तो विपक्ष के अन्य नेताओं की बातों का क्या प्रभाव बचेगा?”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि

“विधायकों के ऐसे रवैये से बीजेपी को कांग्रेस पर हमला करने का मौका मिल जाता है। जब विरोध की ज़रूरत हो, तब ऐसे बयान पार्टी को कमजोर कर सकते हैं।”


 एक बयान, कई संदेश

मदन बिष्ट का यह बयान चाहे क्षेत्रीय विकास के परिप्रेक्ष्य में हो, लेकिन इसका राजनीतिक प्रभाव व्यापक है। ऐसे समय में जब कांग्रेस खुद को एकजुट करने की कोशिश में है, इस तरह की घटनाएं पार्टी के भीतर और बाहर दोनों ही स्तर पर असहजता बढ़ा सकती हैं। वहीं, बीजेपी इसे एक और अवसर के रूप में देख रही है, जिससे कांग्रेस की आंतरिक स्थिति को उजागर किया जा सके।

Leave A Reply

Your email address will not be published.