शारदा कॉरिडोर बनेगा श्रद्धा, संस्कृति और समृद्धि का केंद्र : मुख्यमंत्री धामी ने दी विकास कार्यों को गति देने की हिदायत

टनकपुर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शारदा कॉरिडोर विकास परियोजना को जनता की भावना, स्थानीय संस्कृति और आस्था के अनुरूप आकार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से, बल्कि पर्यटन, पर्यावरण और आर्थिक विकास के लिहाज से भी क्षेत्र की नई पहचान बनेगी। मुख्यमंत्री शुक्रवार को खटीमा लोहियाहेड स्थित कैम्प कार्यालय में शारदा कॉरिडोर विकास परियोजना की विस्तृत समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 3300 करोड़ रुपये की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य लगभग 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का समग्र विकास करना है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी निर्माण कार्य स्थानीय जनता की अपेक्षाओं और विश्वास के अनुरूप हों, जिससे यह क्षेत्र श्रद्धा, संस्कृति और समृद्धि का केंद्र बन सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि शारदा घाट का पुनर्विकास, सिटी ड्रेनेज प्लान, रणकोची माता मंदिर का पुनरुद्धार, बनबसा में हेलीपोर्ट का निर्माण, चूका से चल्थी तक माउंटेन बाइक ट्रेल, अंतरराष्ट्रीय सीमा बाजार, श्रद्धा पथ नदी तट का सौंदर्यीकरण, शारदा रिवरफ्रंट के लिए मास्टर प्लान और एयरो स्पोर्ट्स की सुविधाओं का विकास इस परियोजना के प्रमुख कार्यों में शामिल हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने परियोजना के सभी 38 प्रमुख कार्यों की विस्तृत समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यों को तय समयसीमा में गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी ढंग से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण और हस्तांतरण से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता के साथ शीघ्र पूरा किया जाए, ताकि निर्माण कार्यों में कोई विलंब न हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी विकास कार्यों में पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और संरचनाओं का डिजाइन स्थानीय स्थापत्य कला एवं परंपरागत शैली के अनुरूप तैयार किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कार्यदायी संस्था को क्षेत्र में स्थानीय कार्यालय स्थापित करने के निर्देश भी दिए ताकि कार्यों की निगरानी में सुविधा हो और जनता के सुझावों को सीधे शामिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि परियोजना क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को सहेजते हुए आधुनिक सुविधाओं से युक्त विकास मॉडल तैयार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि आने वाले समय में लोहाघाट स्थित विवेकानंद सर्किट का विस्तार किया जाएगा और माँ वाराही धाम को स्पिरिचुअल ज़ोन के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही क्षेत्र को डेस्टिनेशन वेडिंग हब के रूप में स्थापित करने की योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शौर्य, श्रद्धा और संस्कृति के इस संगम में “शौर्य स्थल” भी विकसित किया जाएगा, जो सेना, पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के वीर शहीदों की स्मृति को समर्पित होगा।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि शारदा कॉरिडोर विकास परियोजना टनकपुर की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को नई ऊर्जा प्रदान करेगी। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे, पर्यटन को नई दिशा मिलेगी और समूचे क्षेत्र के जनजीवन में सुधार आएगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि यह परियोजना केवल विकास का प्रतीक नहीं, बल्कि “लोकभावना और लोकआस्था” का भी प्रतीक बनेगी।

उन्होंने कहा कि लगभग 3300 करोड़ रुपये की यह परियोजना उत्तराखंड सरकार के दूरदर्शी विकास दृष्टिकोण का प्रमाण है और इसके पूर्ण होने पर टनकपुर एक आधुनिक, सुंदर और धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में उभरेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि इस परियोजना से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिले, बल्कि यह क्षेत्र उत्तराखंड के सांस्कृतिक मानचित्र पर प्रमुख स्थान हासिल करे।

बैठक में दर्जा मंत्री अनिल कपूर डब्बू, विशेष सचिव एवं संयुक्त प्रबंध निदेशक यूआईडीबी अजय मिश्रा, जिलाधिकारी चम्पावत मनीष कुमार, जिलाधिकारी उधम सिंह नगर नितिन सिंह भदौरिया, अपर जिलाधिकारी चम्पावत कृष्णा नाथ गोस्वामी, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

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