शहीद मेजर दुर्गा मल्ल की पुण्य तिथि..
अदम्य साहस और वीरता के धनी थे शहीद मेजर दुर्गा मल्ल
डोईवाला नगर पालिका डोईवाला परिसर में शहीद मेजर दुर्गा मल्ल की पुण्य तिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कांग्रेस के प्रदेश सचिव महेश जोशी ने उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी । इस अवसर पर महेश जोशी ने कहा कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस के आह्वान तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा से प्रेरित होकर सन 1942 को सिंगापुर मेंआजाद हिंद फौज में सूबेदार के पद पर नियुक्त हुए । अदम्य साहस एवम वीरता की वजह से उन्हें गुप्तचर विभाग में शामिल किया गया । जहां पर भारत बर्मा सीमा से आसाम में प्रवेश पर उन्हें ब्रिटिश फौज द्वारा बंदी बनाया गया जहां उन्हें यातनाएं दी गई लेकिन उन्होंने जुबान नही खोली जिस वजह से उन्हें दोषी करार दिया गया और आज ही के दिन फांसी पर लटकाया गया ।
डोईवाला निवासी शहीद मेजर दुर्गा मल्ल के 77वें बलिदान दिवस पर गोरखा समाज के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
नगर पालिका प्रांगण में उनकी मूर्ति पर माल्यापर्ण कर उन्हें याद किया गया। गोरखा समाज से जुड़े तमाम लोगों ने शहीद मेजर दुर्गा मल्ल के जीवन पर प्रकाश डालते हुवे कहा कि मेजर दुर्गा मल्ल आजाद हिंद फौज के प्रथम गोरखा सैनिक थे। उन्होंने युवाओं को आजाद हिंद फौज में शामिल करने में बड़ा योगदान दिया। बाद में गुप्तचर शाखा का कार्य उन्हें सौंपा गया। 27 मार्च 1944 को महत्वपूर्ण सूचनाएं एकत्र करते समय दुर्गा मल्ल को शत्रु सेना ने कोहिमा के पास उखरूल में पकड़ लिया।
शत्रु सेना की ओर से युद्धबंदी बनाने और मुकदमे के बाद उन्हें काफी यातनाएं दी गई। ओर 15 अगस्त 1944 को उन्हें लाल किले की सेंट्रल जेल लाया गया। और दस दिन बाद 25 अगस्त 1944 को फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया गया। उनकी शहादत को देश कभी नही भूल सकता।
देश उनकी शहादत को नमन करता है ।