सचिव समिति की बैठक: ई-डीपीआर, सर्विस बुक अपडेट, ई-ऑफिस और पदोन्नति प्रक्रिया को लेकर मुख्य सचिव के सख्त निर्देश

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में आयोजित बैठक में अधिकारियों को प्रशासनिक कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, तकनीकीकरण और समयबद्धता लाने के निर्देश

देहरादून, राज्य के मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को सचिवालय स्थित सचिव समिति की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक में राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं, कर्मचारियों की समस्याओं, तथा प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने हेतु उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने विभागीय सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों को अनेक नीतिगत निर्देश जारी करते हुए, प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और तकनीक आधारित सुधारों को शीघ्र लागू करने पर बल दिया।


ई-डीपीआर मॉड्यूल होगा अनिवार्य: DPR से मंजूरी तक सभी प्रक्रिया होगी ऑनलाइन

मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि सभी विभागों द्वारा तैयार की जाने वाली परियोजना रिपोर्ट (DPR) अब अनिवार्य रूप से ई-डीपीआर मॉड्यूल के माध्यम से ही तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि प्रस्तावना से लेकर अनुमोदन तक की समस्त प्रक्रिया ऑनलाइन मोड में की जाए और इसकी निगरानी भी डिजिटल रूप में सुनिश्चित हो। उन्होंने इसे कार्य प्रणाली की पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।


यूकेपीएफएमएस पोर्टल पर कर्मियों की सर्विस बुक डेटा शीघ्र हो अपडेट

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाएं (Service Books) UKPFMS पोर्टल पर जल्द से जल्द डिजिटल रूप में अपडेट की जाएं। उन्होंने कहा कि आईएफएमएस प्रणाली को और अधिक मजबूत कर इसका डेटा डिजिटाइजेशन शीघ्र पूरा किया जाए। विशेष रूप से चतुर्थ श्रेणी कर्मियों एवं वाहन चालकों के जीपीएफ संबंधी डेटा को नियमित रूप से अपडेट करने के भी निर्देश दिए गए।


पदोन्नति में देरी न हो, हर वर्ष 1 जुलाई तक पूरी हो प्रक्रिया

मुख्य सचिव ने कहा कि सभी विभागों में रिक्त पदों के अनुसार पात्र कर्मियों की पदोन्नति प्रक्रिया हर वर्ष 1 जुलाई तक अनिवार्य रूप से पूरी की जाए ताकि कर्मचारियों को वर्ष का नुकसान न उठाना पड़े। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी विभाग की लापरवाही के कारण यह प्रक्रिया विलंबित होती है, तो इसका खामियाजा कर्मचारियों को नहीं भुगतना चाहिए।


ई-ऑफिस और बायोमैट्रिक उपस्थिति 100% लागू हो

मुख्य सचिव ने सभी विभागीय सचिवों को निर्देशित किया कि उनके अधीनस्थ सभी कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली को 100% लागू किया जाए। उन्होंने जनपद स्तरीय कार्यालयों को भी शीघ्र ई-ऑफिस पर शिफ्ट करने और बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली को पूर्णतः लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे कार्य संचालन में पारदर्शिता, अनुशासन और दक्षता सुनिश्चित होगी।


डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का निर्धारण – सिर्फ शुक्रवार शाम

मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि विभिन्न विभागों द्वारा जिलाधिकारियों (DMs) को अलग-अलग दिन बुलाकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आयोजित करने से उनकी कार्यदक्षता प्रभावित होती है। इसलिए अब से सभी विभागों को केवल शुक्रवार शाम को ही जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने की अनुमति होगी। बैठक के एजेंडा बिंदु पूर्व में साझा किए जाने होंगे ताकि बैठकें अधिक प्रभावशाली और सार्थक बन सकें।


आईएएस अधिकारी गोद लें अपने नियुक्ति स्थल: विकास योजनाओं की होगी निगरानी

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के आईएएस अधिकारी शीघ्र ही अपनी पहली, दूसरी और तीसरी नियुक्ति के विकासखण्ड, तहसील और जिलों को “गोद” लें, ताकि वहां की सरकारी योजनाओं की निगरानी और कार्यान्वयन प्रभावी ढंग से सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों से राज्य एवं केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की नियमित समीक्षा करने को भी कहा।


बैठक में प्रमुख सचिवों व वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी

बैठक में प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, नितेश कुमार झा, राधिका झा, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. नीरज खैरवाल, विनय शंकर पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, डॉ. सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय, विनोद कुमार सुमन, रणवीर सिंह चौहान एवं धीराज सिंह गर्ब्याल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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