देहरादून में बारिश और ठंड ने बढ़ाई कोरोना की आशंका, एक और मामला आया सामने

देहरादून, प्रदेश की राजधानी देहरादून में पिछले कुछ दिनों से हो रही रुक-रुककर बारिश और मौसम में आई हल्की ठंडक ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मौसम कोरोना सहित अन्य वायरल संक्रमणों के प्रसार के लिए अनुकूल हो गया है। मंगलवार को मांडुवाला क्षेत्र में एक 39 वर्षीय सीआईएसएफ कर्मी की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। व्यक्ति की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है और उसे मामूली लक्षणों के चलते जांच कराई गई थी।

अब तक 17 मामले, 2 मरीज उपचाराधीन

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार देहरादून में अब तक कुल 17 कोरोना मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 9 मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुके हैं और 6 मरीज राज्य से बाहर चले गए हैं। वर्तमान में दो संक्रमित मरीजों का उपचार चल रहा है।

मौसम बना संक्रमण के लिए सहायक

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक वर्तमान मौसम—जिसमें नमी और ठंडक दोनों शामिल हैं—वायरसों के प्रसार के लिए अनुकूल है। यह न केवल कोरोना, बल्कि मौसमी फ्लू और अन्य वायरल बीमारियों के मामलों में भी वृद्धि कर सकता है। तापमान में उतार-चढ़ाव से प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिससे लोग आसानी से संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।

स्थिति सामान्य, पर सतर्कता जरूरी

स्टेट सर्विलांस अधिकारी डॉ. पंकज के अनुसार, फिलहाल राज्य में कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है। कोई नया वैरिएंट नहीं फैल रहा है और अधिकतर मामलों में लक्षण हल्के हैं। कोरोना अब एक एंडेमिक यानी स्थानिक बीमारी के रूप में देखा जा रहा है। संक्रमित व्यक्ति घर पर ही आइसोलेट होकर आराम व मामूली दवाओं से ठीक हो रहे हैं। पाजिटिविटी रेट भी शून्य के करीब है।

जनता के लिए सुझाव – रखें इन बातों का ध्यान:

मास्क पहनें: भीड़भाड़ वाले स्थानों, अस्पतालों और बंद जगहों पर मास्क का इस्तेमाल करें।
साफ-सफाई का रखें ध्यान: हाथों को साबुन से बार-बार धोएं या सैनिटाइज़र का प्रयोग करें।
भीड़ से बचें: सामाजिक दूरी बनाए रखें और अत्यधिक भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें।
लक्षण नजरअंदाज न करें: यदि बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई या अत्यधिक थकान महसूस हो तो तुरंत जांच कराएं।
बुजुर्ग और बच्चे रहें सतर्क: कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को विशेष सतर्कता की आवश्यकता है।


हालांकि कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन बदलते मौसम के साथ खतरा बना हुआ है। ऐसे में लोगों को चाहिए कि वे लापरवाही न करें और सभी जरूरी एहतियात बरतें। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए हम इस बीमारी को सीमित रखने में योगदान दे सकते हैं।

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