उत्तराखंड में मौन पालन को बढ़ावा: सीएम आवास परिसर में हुआ शहद निष्कासन, शहद महोत्सव के आयोजन के निर्देश

देहरादून। उत्तराखंड में मौन पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री आवास परिसर में मंगलवार को शहद निष्कासन कार्य संपन्न हुआ। इस दौरान पहले चरण में 57 किलोग्राम शहद निकाला गया, जबकि इस बार का लक्ष्य लगभग 200 किलोग्राम शहद निकालने का रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने मौन पालन (बी-कीपिंग) कार्य को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लेते हुए प्रदेश में शहद महोत्सव आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने उद्यान विभाग को आदेश दिया कि महोत्सव में मधुमक्खी पालन से जुड़े सभी उत्पादों को प्रदर्शित किया जाए और हर वर्ष शहद महोत्सव की एक निश्चित तिथि तय की जाए।

उत्तराखंड में मौन पालन की अपार संभावनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक और पारिस्थितिक स्थिति शहद उत्पादन के लिए अत्यंत अनुकूल है। राज्य में अनेक प्रकार के पुष्प प्रजातियां पाई जाती हैं, जो उच्च गुणवत्ता वाला जैविक शहद उत्पादन करने में सहायक हैं। विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में औषधीय गुणों से भरपूर शहद तैयार करने की संभावनाएं प्रचुर मात्रा में हैं।

प्रशिक्षण और जागरूकता पर दिया जोर

सीएम ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि राज्य में मौन पालन को बढ़ावा देने के लिए व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएं। स्थानीय किसानों और उद्यमियों को मौन पालन से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाए। उन्होंने कहा कि शहद उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ इसे एक सशक्त ग्रामीण उद्योग के रूप में विकसित करने की जरूरत है, जिससे लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकें।

उद्यान प्रभारी दीपक पुरोहित और देवभूमि पर्वतीय ग्रामोद्योग विकास संस्थान, हरबर्टपुर के चेयरमैन अजय कुमार सैनी सहित अन्य अधिकारी व मौन पालन से जुड़े विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

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