उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज, अधिसूचना अप्रैल में जारी होने की संभावना

देहरादून: उत्तराखंड में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायतों के चुनाव की प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू होने जा रही है। राज्य सरकार ने वर्तमान ग्राम प्रधानों और जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रशासक नियुक्त कर दिया है, और अब आगामी पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना 17 से 20 अप्रैल के बीच जारी की जाने की संभावना है।

राज्य की त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, और सरकार की प्राथमिकता है कि चुनाव समय पर और निष्पक्ष तरीके से कराए जाएं। मतदान की तारीखों को लेकर अधिकारियों का कहना है कि राज्य के सभी जिलों में 8 से 10 मई के बीच मतदान हो सकता है, हालांकि हरिद्वार जिले को छोड़कर। हरिद्वार में हाल ही में पंचायत चुनाव हो चुके हैं, इसलिए यहां इस बार चुनाव नहीं होंगे।

चुनाव प्रक्रिया के समयसीमा और संभावित तिथियां

पंचायती राज विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चुनाव की अधिसूचना 17 से 20 अप्रैल के बीच जारी की जा सकती है। इसके बाद 8 से 10 मई के बीच मतदान कराने की योजना है। विभाग जल्द ही एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाएगा, जिसमें चुनाव तिथियों और प्रक्रिया पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

आरक्षण निर्धारण पर हो रही चर्चा

चुनाव से पूर्व पंचायतों के लिए आरक्षण (SC/ST/OBC/महिला) का निर्धारण एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। इस मुद्दे पर राज्य निर्वाचन आयोग और पंचायती राज विभाग की संयुक्त बैठक में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। पंचायत चुनावों में आरक्षण की प्रक्रिया को लेकर कोई अंतिम निर्णय न होने से यह एक बड़ा प्रश्न बन चुका है, जिसे चुनाव की अधिसूचना से पहले सुलझाया जाना आवश्यक है।

हरिद्वार को छोड़कर अन्य जिलों में चुनाव

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हरिद्वार को छोड़कर राज्य के बाकी जिलों में होने की संभावना है। राज्य के जिन जिलों में पंचायत चुनाव कराए जाएंगे, उनमें उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत और ऊधमसिंह नगर शामिल हैं।

निवर्तमान प्रधानों और जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रशासक नियुक्त किया गया

राज्य सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायतों के कार्यकाल के समाप्त होने के बाद निवर्तमान ग्राम प्रधानों और जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रशासक के रूप में नियुक्त किया है। इसके तहत, जिला पंचायत अध्यक्षों का कार्यकाल 1 जून और ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 10 जून तक निर्धारित किया गया है।

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