“ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के विरुद्ध शौर्य की विजय गाथा, उत्तराखंड में सैनिक कल्याण को नई दिशा”

देहरादून, 30 मई —उत्तराखंड के मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को गढ़ीकैंट स्थित दून सैनिक इंस्टीट्यूट में ‘एक संवाद: वीर सैनिकों के साथ’ कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ऑपरेशन सिंदूर की अभूतपूर्व सफलता का उल्लेख किया और सैनिकों के साहस व बलिदान को भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारतीय सेना ने आतंक के खिलाफ एक निर्णायक कार्यवाही करते हुए यह सिद्ध कर दिया कि भारत की अस्मिता और उसके नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस सैन्य कार्रवाई में हमारी सेनाओं ने आतंकियों के 9 बड़े अड्डों को तबाह कर 100 से अधिक आतंकवादियों का सफाया किया, जो 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले का प्रतिशोध था।

शौर्य और आत्मबल की अनूठी मिसाल

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर में हमारे वीर सैनिकों ने जिस अदम्य साहस और त्याग का परिचय दिया, वह न केवल पूरे राष्ट्र को गौरवान्वित करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मार्गदर्शक बनेगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह सफलता प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व और स्पष्ट नीति का परिणाम है, जिसके अंतर्गत भारत आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक रुख अपना रहा है।

सैनिकों और उनके परिवारों के लिए नई योजनाएं

मुख्यमंत्री ने राज्य में सैनिकों और पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए कई अहम घोषणाएं कीं:

  • उत्तराखंड में सेवानिवृत्त सैनिकों के पुनः प्रशिक्षण हेतु एक विशेष ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी।

  • शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख किया गया है।

  • वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त और वार्षिकी सहायता में वृद्धि की गई है।

  • शहीद परिवार के एक सदस्य को राज्य सरकार की नौकरी में समायोजित करने के लिए आवेदन की समय सीमा को 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया गया है।

  • वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों को राज्य परिवहन की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा दी जा रही है।

  • पूर्व सैनिकों को ₹25 लाख तक की अचल संपत्ति पर स्टाम्प ड्यूटी में 25% की छूट मिलेगी।

  • शहीदों की स्मृति में देहरादून के गुनियाल गांव में एक भव्य सैन्य धाम का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

‘ट्रेड और टेरर’ एक साथ नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में लिए गए कड़े फैसलों के कारण भारत अब ‘ट्रेड और टेरर’ की नीति को अस्वीकार कर चुका है। सिंधु जल समझौते को समाप्त करना और पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक मार्गों को बंद करना इसका प्रमाण है।

उत्तराखंड: वीरों की धरती

कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी ने उत्तराखंड की वीरगाथा को स्मरण करते हुए कहा कि यह राज्य हमेशा से भारत माता के सपूतों को समर्पित करता आया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पाँचवां सैनिक उत्तराखंड से होता है और राज्य के हजारों जवानों ने प्रथम विश्व युद्ध से लेकर अब तक राष्ट्र की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी है।

वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति

इस अवसर पर वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों व पूर्व सैनिकों की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को एक ऐतिहासिक आयाम दिया।
उपस्थित गणमान्यजनों में प्रमुख रूप से सचिव सैनिक कल्याण श्री दीपेन्द्र चौधरी, स्टेशन कमांडर आर.एस. थापा, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर (से.नि.) अमृत लाल, उपनल के एमडी ब्रिगेडियर (से.नि.) जे.एन.एस. बिष्ट सहित वरिष्ठ रक्षा अधिकारी जैसे ले. जनरल ए.के. सिंह, रियर एडमिरल ओ.पी.एस. राणा, एयर मार्शल डी.एस. रावत, ले. जनरल टी.पी.एस. रावत, रियर एडमिरल अनुराग थपलियाल, मेजर जनरल ओ.पी. सोनी व अन्य मौजूद रहे।

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