रुद्रप्रयाग, एनएमओपीएस की जिला कार्यकारिणी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2025 से लागू की जाने वाली यूनिफाईड पेंशन स्कीम (UPS) का विरोध किया जाएगा। संगठन के अनुसार, यह कदम शिक्षक-कर्मचारी, अधिकारियों और कर्मचारियों के अधिकारों का उल्लंघन करता है और इसके खिलाफ जनपद स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक विरोध किया जाएगा।
पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली की मांग
एनएमओपीएस के जनपदीय अध्यक्ष एस. एस. राणा ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने दोनों पेंशन योजनाओं एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन योजना) और यूपीएस (यूनिफाईड पेंशन स्कीम) की खामियों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया है। उनका कहना है कि इन दोनों योजनाओं में अंशदायी और शेयर बाजार आधारित होने के कारण कर्मचारियों को पेंशन और भुगतान में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
विजय कुमार बन्धु के अनुसार, देशभर के कर्मचारी, शिक्षक और अधिकारी एकजुट होकर पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली की मांग कर रहे हैं। इस मांग के तहत सरकार से पुरानी पेंशन स्कीम को पुनः लागू करने की अपील की जा रही है, ताकि कर्मचारियों को उनकी पूरी और स्थिर पेंशन मिल सके।
मार्च से होगा आंदोलन
प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि मार्च माह से एनपीएस/यूपीएस के खिलाफ और पुरानी पेंशन की बहाली के लिए राषट्रीय व प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्देशानुसार आंदोलन को और तेज किया जाएगा। आंदोलन का उद्देश्य कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें एक स्थिर पेंशन योजना प्रदान करना है।
एनएमओपीएस के नेताओं का बयान
एनएमओपीएस के जिला महामंत्री राजविलोचन राणा और मण्डलीय संयुक्त महामंत्री दीपक भट्ट ने संयुक्त रूप से कहा कि संगठन पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर जिला एवं प्रदेश स्तर पर बड़े पैमाने पर आंदोलन करेगा। उनका कहना था कि कर्मचारियों का जीवनभर का संघर्ष यह सुनिश्चित करने के लिए है कि वे अपनी मेहनत का सही फल पाएं।
इस आंदोलन के पीछे प्रमुख उद्देश्य कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है, ताकि वे अपनी रिटायरमेंट के बाद भी बिना किसी तनाव के अपना जीवन जी सकें।