लखनऊ। उत्तराखंड की धामी सरकार ने राज्य में 15 स्थानों के नाम बदलने का बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह निर्णय स्थानीय लोगों की भावनाओं और भारतीय संस्कृति को ध्यान में रखकर लिया गया है, ताकि लोग अपनी संस्कृति और महापुरुषों से प्रेरणा ले सकें।
मुख्यमंत्री धामी द्वारा घोषित इस फैसले के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गई हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि अगर नाम बदलना ही समाधान है तो उत्तराखंड का नाम उत्तर प्रदेश-2 रख दिया जाए। उनकी इस टिप्पणी से इस मुद्दे पर नई बहस शुरू हो गई है।
धामी सरकार के इस कदम को भारतीय इतिहास और परंपराओं के सम्मान से जोड़ा जा रहा है। सरकार का मानना है कि विदेशी या मुगलकालीन नामों को हटाकर भारतीय महापुरुषों के नाम देना जरूरी है, ताकि आने वाली पीढ़ियां अपने इतिहास से जुड़ी रहें।
हरिद्वार जिले में कई स्थानों के नाम बदलने का फैसला किया है। इनमें औरंगजेबपुर का नाम बदलकर शिवाजी नगर किया गया। गाजीवाली अब आर्य नगर के नाम से जाना जाएगा।
चांदपुर का नाम बदलकर ज्योतिबा फुले नगर रखा गया। मोहम्मदपुर जट को मोहनपुर जट के नाम से जाना जाएगा। खानपुर कुर्सली अब आंबेडकर नगर कहलाएगा।
इदरीशपुर का नाम बदलकर नंदपुर कर दिया गया। खानपुर को कृष्णपुर के नाम से पहचाना जाएगा। अकबरपुर फाजलपुर अब विजयनगर के नाम से जाना जाएगा।
देहरादून में भी कई स्थानों के नाम बदले गए हैं, मियांवाला का नया नाम रामजीवाला रखा गया है।
पीरवाला को केसरी नगर के नाम से जाना जाएगा। चांदपुर खुर्द का नया नाम पृथ्वीराज नगर रखा गया। अब्दुल्लापुर का नाम बदलकर दक्षनगर कर दिया गया है।
देहरादून और हरिद्वार के अलावा नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों में भी कुछ स्थानों के नाम बदले गए हैं, नैनीताल की नवाबी रोड का नाम अब अटल मार्ग होगा।
पनचक्की से आईटीआई मार्ग को अब गुरु गोलवलकर मार्ग के नाम से जाना जाएगा। उधम सिंह नगर में सुल्तानपुर पट्टी का नाम बदलकर कौशल्या पुरी कर दिया गया है।