जोशीमठ: नीति घाटी में पर्यटकों का बढ़ता आगमन, शीतकालीन पर्यटन को मिल रहे नए पंख
चलोली जोशीमठ ; दिसंबर के अंतिम सप्ताह में हुई भारी बर्फबारी के बाद, नीति घाटी में पर्यटकों का ताता लग गया है। यह घाटी अब शीतकालीन पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन चुकी है, और यहां के स्थानीय युवा साहसिक पर्यटन के नए अवसरों का लाभ उठा रहे हैं। शीतकालीन पर्यटन और एडवेंचर टूरिज्म के शौकीनों के लिए नीति घाटी का बढ़ता आकर्षण अब एक नए युग की शुरुआत कर रहा है।
विंटर 4×4 नीति एक्सपीडीशन: शीतकालीन साहसिक पर्यटन का नया स्वरूप
औली के स्थानीय साहसिक पर्यटन कारोबारी अंशुमन बिष्ट और नीति घाटी के युवा स्थानीय पर्यटन कारोबारियों का प्रयास अब रंग ला रहा है। इन युवा व्यवसायियों ने “विंटर 4×4 नीति एक्सपीडीशन” नामक एक नया साहसिक पर्यटन पैकेज शुरू किया है, जिसके तहत पर्यटक 4×4 जीपों के माध्यम से नीति घाटी की बर्फ से ढकी खूबसूरत वादियों का एक्सप्लोर करते हैं। इस पैकेज का मुख्य उद्देश्य पर्यटकों को नीति घाटी की प्राकृतिक सुंदरता, स्थानीय संस्कृति, खानपान, और होम स्टे अनुभव से परिचित कराना है।
इस सीजन में करीब 60 पर्यटकों ने इस शीतकालीन साहसिक यात्रा का आनंद लिया है। वे न केवल बर्फ से ढकी नीति घाटी को एक्सप्लोर करते हैं, बल्कि रास्ते में मिलने वाले वन्यजीवों को भी नजदीक से देखने का अवसर प्राप्त कर रहे हैं। बर्फबारी के बीच जीप सफारी और अद्वितीय प्राकृतिक दृश्य पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। अंशुमन बिष्ट के अनुसार, यदि जोशीमठ से नीति घाटी तक सड़क मार्ग को सुचारू रूप से दुरुस्त किया जाता है, तो उनका यह एडवेंचर पैकेज जारी रहेगा और पर्यटकों की संख्या में और भी वृद्धि हो सकती है।
नीति घाटी का शीतकालीन पर्यटन और स्थानीय स्वरोजगार
नीति घाटी में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने से यहां के स्थानीय कारोबारियों को भी रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं। दिव्य दर्शन फोनिया, जो कि एक स्थानीय पर्यटन कारोबारी हैं, ने बताया कि वे अपनी 4×4 वाहन की मदद से पर्यटकों को नीति घाटी तक ले जाते हैं। हालांकि, बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) द्वारा सड़क से बर्फ पूरी तरह से नहीं हटाई गई है, जिसके कारण अन्य वाहनों का चलना अभी मुश्किल है। फिर भी, उनका प्रयास शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है, और यहां के होम स्टे और स्थानीय आकर्षणों को लेकर पर्यटकों में उत्साह बढ़ा है।
नीति घाटी के स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि अगर सड़क मार्ग दुरुस्त हो जाए, तो पर्यटकों के लिए यात्रा और भी आसान हो जाएगी, और इससे शीतकालीन पर्यटन में वृद्धि हो सकती है। इस क्षेत्र में पर्यटक अब बारामासा (सालभर पर्यटकों का आगमन) के रूप में भी आने को तैयार हैं, लेकिन इसके लिए सड़क मार्ग को सुरक्षित और सुगम बनाना आवश्यक है।
स्थानीय आकर्षण और होम स्टे
नीति घाटी में आने वाले पर्यटकों को यहां के होम स्टे और स्थानीय पर्यटन स्थल जैसे कि टिम्मर सेन महादेव मंदिर भी बहुत पसंद आ रहे हैं। बर्फबारी के बाद घाटी में पसरी चुप्पी और पर्यटकों की आवाजाही एक रोमांचक अनुभव बना रही है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, बर्फ से ढके हुए गांव और वादियां, सब कुछ पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर दे रहा है।
गुजरात से आए आशीष रादरिया ने बताया कि यह उनका पहला अनुभव था जब उन्होंने बर्फ देखी और महसूस की। “गुजरात में तो बर्फ नहीं मिलती, लेकिन यहां नीति घाटी में बर्फ से ढकी हुई वादियां देखकर एक नया अनुभव मिला। इस अनुभव को शब्दों में नहीं कह सकता, बस आपको यहां आकर देखना चाहिए,” आशीष ने कहा।
नीति घाटी में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास अब रंग ला रहा है। युवा व्यवसायियों के साहसिक कदम, जैसे कि “विंटर 4×4 नीति एक्सपीडीशन” और स्थानीय पर्यटन स्थलों का प्रचार, घाटी के आर्थिक विकास और स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि कर रहे हैं। यदि सड़क मार्ग सुगम हो जाता है, तो नीति घाटी शीतकालीन पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित हो सकती है, जो न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक बेहतरीन गंतव्य बन सकता है।