हाईकोर्ट ने ऋषिकेश-भानियावाला के बीच 3300 पेड़ों की कटाई पर लगाई रोक, अगली सुनवाई 21 मार्च को
नैनीताल – उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ऋषिकेश और भानियावाला के बीच प्रस्तावित 3300 पेड़ों के कटान पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 मार्च 2025 की तिथि तय की है।
यह मामला देहरादून निवासी रीनू पाल द्वारा दायर जनहित याचिका से संबंधित है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने न्यायालय को बताया कि यह सड़क चौड़ीकरण हाथियों के लिए बनाए गए एलीफेंट कॉरिडोर के बीच में आता है। उन्होंने तर्क दिया कि पूर्व में भी उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद शिवालिक एलीफेंट रिज़र्व को संरक्षित किया गया था, और इसी प्रकार इस परियोजना पर भी पुनर्विचार आवश्यक है।
सरकार ने रखा अपना पक्ष
सरकार की ओर से पेश अधिवक्ताओं ने न्यायालय को अवगत कराया कि प्रशासन हाथियों की आवाजाही को सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है और इस परियोजना में वन्यजीव संरक्षण के पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश जी. नरेन्द्र और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल को निर्देशित किया कि वे वन अधिकारियों को सूचित करें और अगले आदेश तक पेड़ों की कटाई पर रोक सुनिश्चित करें।
न्यायालय ने मांगी रिपोर्ट
खंडपीठ ने सरकार से सभी आवश्यक अनुमतियों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही याचिकाकर्ता को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे गूगल इमेज के माध्यम से यह स्पष्ट करें कि एलीफेंट कॉरिडोर सड़क के किन-किन हिस्सों से होकर गुजरता है।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी, जिसमें न्यायालय दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर आगे का निर्णय लेगा।