शादी के 34 दिन बाद फौजी पति की मौत, अब सेना में अफसर बनीं सोनी बिष्ट: संघर्ष और साहस की मिसाल

उत्तराखंड के हल्द्वानी की रहने वाली सोनी बिष्ट ने अपनी जिंदगी में एक ऐसा साहसिक कदम उठाया, जो न केवल उनकी हिम्मत को दर्शाता है, बल्कि उन महिलाओं के लिए भी प्रेरणा है जो कठिनाइयों और संघर्षों से गुजर रही हैं। सोनी ने महज 34 दिन पहले शादी के बाद अपने पति को एक दुखद सड़क हादसे में खो दिया, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और भारतीय सेना में अफसर बनकर अपने पति के सपने को पूरा किया।

सोनी बिष्ट की शादी 2023 में उत्तराखंड के खटीमा निवासी नीरज भंडारी से हुई थी। नीरज 18 कुमाऊं रेजिमेंट में सैनिक पद पर तैनात थे। शादी के बाद महज 34 दिन में नीरज की सड़क हादसे में मौत हो गई। इस दुर्घटना से सोनी पूरी तरह टूट गई थीं, लेकिन उन्होंने अपने जीवन को नए उद्देश्य के साथ आगे बढ़ाने का ठान लिया। अपने पति के सपने को जिंदा रखने और उनकी यादों को सहेजने के लिए सोनी ने भारतीय सेना में अफसर बनने का निर्णय लिया।

सोनी ने अपनी मेहनत और संघर्ष से ओटीए (ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी) चेन्नई में पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया और लेफ्टिनेंट के पद पर सेना में शामिल हो गईं। उनकी इस उपलब्धि पर उनके माता-पिता और परिवार बेहद गर्वित और भावुक हो गए। सोनी की पहली पोस्टिंग असम में हुई है।

सोनी बिष्ट का फौजी परिवार से गहरा संबंध
सोनी बिष्ट का परिवार सेना से जुड़ा हुआ है। उनके दादा हरक सिंह बिष्ट भी सेना में थे, जबकि उनके पिता कुंदन सिंह बिष्ट ब्रिगेड ऑफ गार्ड्स बटालियन में सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और राष्ट्रीय राइफल (RR) जैसे महत्वपूर्ण अभियानों में भाग लिया था। परिवार में कई अन्य सदस्य भी सेना में सेवारत हैं, जिसने सोनी को हमेशा ही देशसेवा की प्रेरणा दी।

सोनी की सफलता न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष की कहानी है, बल्कि यह हर उस महिला के लिए एक प्रेरणा है जो जीवन की कठिनाइयों का सामना कर अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रही है। उनके साहस और दृढ़ संकल्प ने यह साबित कर दिया कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, अगर हिम्मत हो तो कोई भी मुश्किल पार की जा सकती है।

 

Soni Bisht became lieutenant in Indian Army

सोनी बिष्ट ने बीते शनिवार 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) चेन्नई की पासिंग आउट परेड में लेफ्टिनेंट अफसर शामिल हुईं अब वे आर्मी ऑर्डनेंस कॉर्प्स में अपनी सेवाएं देंगी। सोनी की पहली पोस्टिंग असम में हुई है, उनकी इस सफलता पर परिजन गर्व से भावुक हो गए। सोनी के पिता कुंदन सिंह बिष्ट, माता मालती बिष्ट और भाई राहुल बिष्ट भी पासिंग आउट परेड में शामिल हुए।

पति की मौत के बाद भाई को हुआ लकवा

बागेश्वर जिले की सोनी बिष्ट ने इस सफलता तक पहुँचने के लिए अनेक कठिनाइयों का सामना किया है। वास्तव में, वर्ष 2023 में सोनी की शादी खटीमा के नीरज भंडारी से हुई थी, जो “18 कुमाऊं रेजिमेंट” में सैनिक के रूप में कार्यरत थे। लेकिन शादी के महज 34 दिन बाद एक सड़क दुर्घटना में नीरज का निधन हो गया। इस घटना के बाद सोनी बिष्ट पूरी तरह से टूट गई थीं, लेकिन उनके ससुराल और मायके वालों ने इस कठिन समय में उनको हिम्मत दी। जब सोनी इस दुखद घटना से उबरने लगी थीं, उसी समय उनके छोटे भाई राहुल को लकवा मार गया। उनके परिवार पर एक के बाद एक दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

कड़ी मेहनत से बनी सेना में लेफ्टिनेंट

इस दुःख के समय में सोनी ने खुद को संभाला और अपने पति के सपने को पूरा करने और उनकी यादों को जिंदा रखने की ठानी, उनके लिए ये सफर इतना आसान नहीं था लेकिन उन्होंने आगे बढ़ना ही सही विकल्प समझा। उसके बाद सोनी ने वीर नारी प्रवेश योजना के तहत सेना में शामिल होने का फैसला लिया। इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और सभी परीक्षाओं में सफलता हासिल कर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट ऑफिसर बन गई।

पति का सपना किया पूरा

सोनी बिष्ट बागेश्वर जनपद के नाकुरी क्षेत्र में स्थित दारर्सिंग पट्टी गांव की मूल निवासी हैं, और वर्तमान में उनका परिवार हल्द्वानी में रहता है। सोनी के पिता कुंदन सिंह बिष्ट ब्रिगेड ऑफ गार्ड्स बटालियन में सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। सोनी के दादा हरक सिंह बिष्ट भी सेना में थे। सोनी बताती हैं कि उन्होंने अपने पति का सपना पूरा किया और वो उनके सपने को जी रही हैं।

 

 

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