एक मई को होगी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्टिंग मामले की सुनवाई, जानिए पूरा मामला

नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए तय की तिथि, भ्रष्टाचार के आरोपों में पूर्व मुख्यमंत्री का नाम

नैनीताल: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ दर्ज किए गए स्टिंग मामले की सुनवाई अब एक मई को होगी। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई के लिए तारीख निर्धारित की है, जिसमें त्रिवेंद्र रावत, उनके परिवार और सहयोगियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में सुनवाई की तिथि और संबंधित कानूनी प्रक्रिया को लेकर हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

क्या है मामला?

यह मामला 2018 से जुड़ा हुआ है, जब उमेश कुमार शर्मा ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि नोटबंदी के दौरान झारखंड में एक व्यक्ति को गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाने के लिए उत्तराखंड के विभिन्न बैंक खातों में घूस के पैसे जमा किए गए थे। इसके अलावा, आरोप था कि त्रिवेंद्र रावत, उनके भाई, भतीजे और नजदीकी सहयोगी संजय गुप्ता ने विभिन्न भ्रष्टाचारों में संलिप्तता दिखाई।

किस पर लगे आरोप?

याचिका में त्रिवेंद्र रावत के अलावा उनके भाई, भतीजे, और सहयोगी संजय गुप्ता को भी प्रतिवादी बनाया गया है। इसके अलावा, अन्य व्यक्तियों के नाम भी इस मामले में शामिल किए गए हैं, जिनमें ओम प्रकाश, पंडित आयुष गौड़, अरविंद कुमार, और संजय गुप्ता शामिल हैं। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इन लोगों ने मिलकर सरकारी पदों और परियोजनाओं का लाभ निजी फायदे के लिए उठाया।

अधिवक्ताओं का पक्ष:

इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और उनके सहयोगी वकील ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। अब, याचिका में कुछ संशोधन के लिए एक अमेंडमेंट एप्लीकेशन भी दाखिल की गई है, जिस पर सरकारी वकील ने जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है।

कोर्ट का आदेश:

नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा शामिल हैं, ने मामले की सुनवाई के लिए एक मई की तारीख तय की है। कोर्ट ने इस मामले में त्रिवेंद्र रावत, उनके परिवार और सहयोगियों से जवाब तलब किया है।

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