गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय को मिला नया नेतृत्व, प्रोफेसर प्रकाश सिंह बने कुलपति
श्रीनगर, उत्तराखंड: एच.एन.बी. गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय को नया कुलपति मिल गया है। प्रोफेसर श्री प्रकाश सिंह को विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया गया है। शिक्षा, अनुसंधान और प्रशासनिक नेतृत्व में उनका बहुआयामी अनुभव इस ऐतिहासिक विश्वविद्यालय को नई दिशा देने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
शिक्षा और शैक्षणिक पृष्ठभूमि
प्रो. सिंह का शैक्षणिक सफर दिल्ली विश्वविद्यालय से शुरू हुआ, जहां उन्होंने राजनीति विज्ञान में:
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एम.ए. (1987),
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एम.फिल. (1989) और
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पीएच.डी. (2001) की उपाधियाँ प्राप्त कीं।
वे 2015 से दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। इसके अलावा उन्होंने 17 दिसंबर 2021 से दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैंपस के निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दीं।
प्रशासनिक और नीति निर्माण में योगदान
प्रो. प्रकाश सिंह के करियर की एक विशेषता यह रही है कि उन्होंने शैक्षणिक और प्रशासनिक दोनों ही क्षेत्रों में संतुलित नेतृत्व प्रदान किया है।
उनकी कुछ प्रमुख भूमिकाएँ इस प्रकार हैं:
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भारतीय लोक प्रशासन संस्थान में डॉ. अम्बेडकर चेयर इन सोशल जस्टिस का दायित्व निभाया।
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UGC (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग), मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) और विभिन्न राज्य सरकारों के लिए शैक्षणिक सलाहकार और नामित प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया।
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NET परीक्षा पाठ्यक्रम, राजनीति विज्ञान और लोक प्रशासन के सिलेबस निर्माण, तथा UGC की नियमावली तैयार करने जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं में सक्रिय भूमिका निभाई।
भारतीय ज्ञान परंपरा और पाठ्यक्रम सुधार की पक्षधरता
प्रो. सिंह भारतीय शिक्षा व्यवस्था में भारतीय ज्ञान परंपरा को पुनर्स्थापित करने, शासन प्रणाली के सुदृढ़ीकरण, और पाठ्यक्रमों के अद्यतन हेतु लगातार सक्रिय रहे हैं।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय सहित देश के कई केंद्रीय विश्वविद्यालयों में विभिन्न शैक्षणिक समितियों के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है।
गढ़वाल विश्वविद्यालय के लिए नई दिशा
प्रो. प्रकाश सिंह की नियुक्ति को एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय के लिए एक सशक्त और सकारात्मक परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है। उनकी नियुक्ति से विश्वविद्यालय में:
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शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार,
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प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि,
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नई शैक्षणिक पहल और
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राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संस्थान की पहचान मजबूत करने की उम्मीद जताई जा रही है।