हिटाणु में पर्यावरण पर संकट: हाईकोर्ट ने नियमविरुद्ध हॉटमिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर पर कसा शिकंजा
नैनीताल – उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने उत्तरकाशी जिले के हिटाणु गाँव में संचालित हो रहे माँ हांडा देवी हॉटमिक्स प्लांट और उमा स्टोन क्रशर के खिलाफ जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों इकाइयों को नोटिस जारी कर दिया है। याचिका में इन इकाइयों को नियमविरुद्ध और पर्यावरण के लिए खतरनाक बताते हुए इनके संचालन पर तत्काल रोक लगाने की माँग की गई है।
याचिका गंगा घाटी विकास समिति हिटाणु की ओर से दाखिल की गई, जिसमें कहा गया है कि ये औद्योगिक इकाइयाँ न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रही हैं, बल्कि गाँव की कृषि भूमि, जलस्रोत और आमजन के स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डाल रही हैं।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि हॉटमिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर 24 घंटे संचालन में रहते हैं, जिससे अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण फैल रहा है। इससे नवजात शिशुओं की श्रवण क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है और ग्रामीणों की नींद भी पूरी नहीं हो पा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि रात में भी मशीनों की तेज आवाजें और ट्रकों की आवाजाही से जीवन दूभर हो गया है।
एक अन्य गंभीर मुद्दा याचिका में यह उठाया गया है कि खनिजों से लदे भारी ट्रकों द्वारा वन विभाग की कच्ची सड़क का उपयोग किया जा रहा है, जिसके लिए कोई वैधानिक अनुमति नहीं ली गई है। इसके चलते जंगलों में भी अतिक्रमण और नुकसान की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि जब ग्रामीणों ने इस अवैध संचालन के खिलाफ आवाज उठाई, तो उनके खिलाफ प्रशासन द्वारा तीन-तीन मुकदमे दर्ज कर दिए गए। इससे भयभीत होकर कुछ ग्रामीण पलायन की सोचने लगे हैं।
न्यायालय ने इस मामले में याचिकाकर्ता से शपथपत्र प्रस्तुत करने को कहा है और अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।
इस मामले ने प्रदेश में पर्यावरणीय नियमों के पालन और ग्रामीणों की आवाज़ को दबाने जैसे गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाईकोर्ट का यह हस्तक्षेप पर्यावरण सुरक्षा और नागरिक अधिकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।