उत्तराखंड में आधी रात को धरती कांपी: नेपाल केंद्रित भूकंप के दो झटकों से दहशत, जनहानि नहीं

पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) – गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात उत्तराखंड के सीमावर्ती जिले पिथौरागढ़ में धरती दो बार कांप उठी। भूकंप के इन झटकों ने न सिर्फ लोगों की नींद तोड़ी, बल्कि उनके दिलों में भी डर भर दिया। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, दोनों भूकंपों का केंद्र नेपाल के बैतड़ी जिले में था। पहले झटके की तीव्रता 5.1 और दूसरे की 3.7 मापी गई। दोनों के बीच सिर्फ 12 मिनट का अंतर था, जिसने लोगों में दहशत और बढ़ा दी।

 

पहला झटका: 1:33 बजे आधी रात को दहशत

 

रात 1:33 बजे का समय था जब पिथौरागढ़ जिले के मुख्यालय सहित धारचूला, डीडीहाट, कनालीछीना और झूलाघाट जैसे क्षेत्रों में लोगों ने जोरदार झटका महसूस किया। जैसे ही धरती डोलने लगी, लोग नींद से जागे और घबराकर घरों से बाहर निकल पड़े। दीवारें और खिड़कियां हिलती देख कई लोग भयभीत हो गए। हालांकि झटका कुछ ही सेकंड चला, लेकिन उस छोटे से समय ने लोगों के होश उड़ा दिए।

 

दूसरा झटका: 1:45 बजे फिर कांपी धरती

 

पहले झटके के बाद लोग जैसे-तैसे सामान्य होने की कोशिश कर ही रहे थे कि ठीक 12 मिनट बाद रात 1:45 बजे एक और झटका महसूस हुआ। इसकी तीव्रता 3.7 थी। यह पहले की अपेक्षा हल्का था, लेकिन मानसिक रूप से झटका खा चुके लोगों में घबराहट और बढ़ गई।

 

सौभाग्य से कोई जान-माल का नुकसान नहीं

 

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र महर ने बताया कि दोनों भूकंप नेपाल के बैतड़ी जिले में केंद्रित थे। उन्होंने कहा कि भूकंप की तीव्रता और समय को देखते हुए खतरा काफी बड़ा हो सकता था, लेकिन राहत की बात है कि अब तक किसी तरह की जनहानि या संपत्ति नुकसान की सूचना नहीं है। प्रशासन ने स्थिति पर नजर बनाए रखी है और राहत टीमें अलर्ट पर हैं।

 

लोगों में डर, कई ने बाहर बिताई रात

 

भूकंप के झटकों के बाद लोगों में भय व्याप्त है। एहतियातन कई परिवारों ने पूरी रात घरों से बाहर खुले स्थानों पर गुजारी। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में भूकंप की तीव्रता बढ़ी, तो बड़ा नुकसान हो सकता है। इसलिए सतर्कता बनाए रखना जरूरी है।

 

प्रशासन की अपील: सतर्क रहें, अफवाहों से बचें

 

प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी आपात स्थिति में प्रशासनिक कंट्रोल रूम या आपदा प्रबंधन विभाग से संपर्क करें। साथ ही, भूकंप के समय अपनाई जाने वाली सावधानियों को समझने और अमल में लाने की भी सलाह दी गई है।

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