सीएम योगी आदित्यनाथ के दौरे के दौरान पुलिस और वकील के बीच विवाद, चौकी प्रभारी निलंबित

प्रयागराज,  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयागराज दौरे के दौरान पुलिस और वकील के बीच एक विवाद हो गया, जिसमें पुलिस ने एक वकील को पीट दिया। घटना हिंदू हॉस्टल चौराहे की है, जहां पुलिस ने सीएम की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बैरिकेडिंग कर रास्ता बंद कर दिया। इस कार्रवाई के विरोध में एक वकील ने आपत्ति जताई, जिसके बाद चौकी प्रभारी नाका, अतुल कुमार सिंह और वकील के बीच तीखी बहस हो गई।

बताया जा रहा है कि बहस के दौरान चौकी प्रभारी ने वकील को मारपीट कर दिया, जिससे मौके पर तनाव फैल गया। इस घटना के बाद अन्य वकील मौके पर पहुंचे और पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क पर बैठ गए, जिससे भारी जाम लग गया और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।

घटना की सूचना मिलने के बाद डीसीपी सिटी अभिषेक भारती मौके पर पहुंचे और स्थिति को शांत किया। उन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा की और चौकी प्रभारी अतुल कुमार सिंह के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया।

पुलिस आयुक्त ने चौकी प्रभारी अतुल कुमार सिंह को निलंबित कर दिया और विभागीय जांच के आदेश दिए। कमिश्नर ने यह भी कहा कि इस घटना से पुलिस विभाग की छवि पर नकारात्मक असर पड़ा है, और अतुल कुमार सिंह को पुलिस लाइन्स में संबद्ध कर दिया गया है।

वकीलों का प्रदर्शन और पुलिस पर गुस्सा: घटना के बाद वकीलों का गुस्सा और विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ता गया। वकीलों ने पुलिस के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया और सड़क पर बैठकर नारेबाजी की। उनका कहना था कि पुलिस का व्यवहार पूरी तरह से असहनीय और अत्यधिक था, और ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

राजनीतिक और कानूनी प्रभाव: इस घटना ने राजनीतिक और कानूनी हलकों में हलचल मचाई है, क्योंकि सीएम योगी के दौरे के दौरान ऐसी घटना हुई, जिससे सरकारी प्रशासन और पुलिस की छवि पर सवाल उठ रहे हैं। वकीलों का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया, जबकि पुलिस ने अपनी कार्रवाई को सुरक्षा कारणों से सही ठहराया।

यह घटना जिले के प्रशासन के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है कि क्या सुरक्षा व्यवस्था को लागू करते हुए जनता के अधिकारों और सुरक्षा को भी समान महत्व दिया जाता है।

निलंबन और जांच की प्रक्रिया: चौकी प्रभारी अतुल कुमार सिंह के निलंबन के बाद, विभागीय जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिसमें पूरी घटना की निष्पक्ष जांच की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि अगर किसी भी प्रकार की गलती साबित होती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला अब राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर गरमा गया है, और सभी की नजरें इस पर बनी हुई हैं।

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