देहरादून, उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में गुरुवार को एक विशेष और प्रेरणादायी आयोजन हुआ, जिसमें देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों—जैसे IITs, IIMs, NLUs और केंद्रीय विश्वविद्यालयों—के छात्र प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस महानिदेशक (DGP) से मुलाकात की। यह संवाद कार्यक्रम “नेशनल गवर्नेंस टूर” के तहत छात्र संसद इंडिया (Student Parliament India) के तत्वावधान में आयोजित किया गया।
ओपन हाउस बैठक: पुलिस और युवा दिमागों के बीच पुल
पुलिस मुख्यालय में आयोजित इस ओपन हाउस बैठक का उद्देश्य युवाओं को कानून व्यवस्था, पुलिसिंग की प्रक्रिया और प्रशासनिक ढांचे के भीतर कार्यप्रणाली से अवगत कराना था। डीजीपी ने युवाओं के जिज्ञासु सवालों के जवाब देते हुए सामुदायिक पुलिसिंग, साइबर सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा, महिला सुरक्षा, नशे के खिलाफ मुहिम जैसे समसामयिक विषयों पर खुलकर विचार साझा किए।
युवा प्रतिनिधिमंडल ने रखा विचारों का आदान-प्रदान
प्रतिनिधिमंडल में देशभर के प्रतिष्ठित संस्थानों से आए छात्र-छात्राओं ने न केवल पुलिसिंग के विविध पहलुओं को समझा बल्कि नीति निर्माण, कानून प्रवर्तन की चुनौतियों, जनसहभागिता और तकनीकी नवाचारों के महत्व पर भी चर्चा की। छात्रों ने उत्तराखंड पुलिस की कार्यशैली, अपराध नियंत्रण में तकनीक के उपयोग और संवेदनशील मुद्दों पर त्वरित प्रतिक्रिया जैसे विषयों पर डीजीपी से विशेष जानकारी प्राप्त की।
डीजीपी का युवाओं को संदेश
डीजीपी ने कहा, “युवाओं से संवाद, भविष्य की सुरक्षित और सशक्त व्यवस्था की नींव रखता है। जब हमारे युवा पुलिस, प्रशासन और कानून व्यवस्था के कार्यों को समझते हैं, तो वे बेहतर नागरिक के रूप में न केवल जागरूक होते हैं बल्कि भविष्य में नेतृत्व की भूमिका के लिए भी तैयार होते हैं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि पुलिसिंग में युवाओं की भागीदारी, खासतौर पर तकनीकी और नीति विमर्श के स्तर पर, समाज को और अधिक सशक्त बनाने में मदद कर सकती है।