1.47 करोड़ की साइबर ठगी का खुलासा, STF ने दिल्ली से दो ठग दबोचे

देहरादून। नैनीताल निवासी सेवानिवृत्त कुलपति के साथ 1.47 करोड़ रुपये की साइबर ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्य एसटीएफ की साइबर क्राइम पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। पुलिस टीम ने आरोपियों को दिल्ली के करोलबाग स्थित एक गेस्ट हाउस से गिरफ्तार किया।

एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि पीड़ित ने अगस्त 2025 में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, अज्ञात कॉलर्स ने स्वयं को महाराष्ट्र साइबर क्राइम विभाग का अधिकारी बताते हुए सेवानिवृत्त कुलपति को यह कहकर डराया कि उनके नाम पर खुले बैंक खातों में 60 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के लेन-देन पकड़े गए हैं।

आरोपियों ने खातों के वेरिफिकेशन के बहाने व्हाट्सएप कॉल पर ही पीड़ित को “डिजिटल अरेस्ट” कर लिया और 12 दिनों तक दबाव डालते हुए विभिन्न खातों में कुल 1.47 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए।

तकनीकी जांच से हुआ बड़ा खुलासा

जांच के दौरान साइबर क्राइम पुलिस ने बैंक खातों, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों और व्हाट्सएप डेटा का बारीकी से विश्लेषण किया। इसके लिए मेटा कंपनी और विभिन्न सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों से तकनीकी जानकारी जुटाई गई।
डेटा की पड़ताल के बाद STF को दिल्ली में आरोपियों की लोकेशन मिली। टीम ने तत्काल दबिश देकर मोहम्मद सैफ (लखनऊ निवासी) और शकील अंसारी (झारखंड निवासी) को गिरफ्तार कर लिया।

बरामदगी

गिरफ्तार आरोपियों के पास से

  • 9 मोबाइल फोन

  • 14 सिम कार्ड

  • 3 चेकबुक

  • 7 ब्लैंक/हस्ताक्षरित चेक

  • 4 डेबिट कार्ड

  • 1 पासपोर्ट

  • 1 मोहर
    बरामद हुई।

इससे पहले इस मामले में एक आरोपी राजेंद्र कुमार को हिमाचल प्रदेश के सोलन से गिरफ्तार किया जा चुका है।

नया हैडलाइन 1:

व्हाट्सएप कॉल पर “डिजिटल अरेस्ट”, 12 दिन में 1.47 करोड़ हड़पे

 नया हैडलाइन 2:

सेवानिवृत्त कुलपति से साइबर ठगी: STF ने तीन राज्यों से गिरोह का पर्दाफाश किया

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