उत्तराखंड में किताब कौथिग पर विवाद, प्रशासन की अनुमति न मिलने से बवाल
उत्तराखंड के श्रीनगर में किताब कौथिग आयोजन को लेकर बड़ा विवाद उत्पन्न हो गया है। प्रशासन ने आयोजन की अनुमति देने से मना कर दिया, जिसके बाद आयोजक और छात्र संगठन नाराज हो गए हैं। आइसा छात्र संगठन ने कुलपति से अनुमति देने की मांग की है, वहीं एनएसयूआई ने श्रीनगर प्रशासन पर पक्षपाती रवैया अपनाने का आरोप लगाया है और आयोजन को पौड़ी में करने की अपील की है।
क्या था विवाद का कारण?
किताब कौथिग के आयोजकों ने श्रीनगर के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में 9-11 जनवरी को आयोजन की अनुमति मांगी थी, लेकिन पुलिस भर्ती परीक्षा के कारण विद्यालय प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। 12 फरवरी तक आयोजकों द्वारा कोई आवेदन नहीं दिया गया, जिसे उपजिलाधिकारी नुपुर वर्मा ने निराधार बताया है।
उन्होंने कहा कि रामलीला मैदान में 15-16 फरवरी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यक्रम पहले से निर्धारित था, जिससे किताब कौथिग की अनुमति नहीं दी गई।
आइसा का विरोध और आंदोलन की चेतावनी
आइसा छात्र संगठन ने कुलपति से मिलकर आयोजन की अनुमति देने की मांग की है और कहा कि यह आयोजन छात्र हित में है। उन्होंने परीक्षाएं समाप्त होने के बाद किताब कौथिग को आयोजित करने की अनुमति देने की बात की, अन्यथा आंदोलन करने की धमकी दी।
एनएसयूआई का पक्ष
एनएसयूआई ने श्रीनगर प्रशासन पर साहित्यिक आयोजन में पक्षपात का आरोप लगाया और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने पौड़ी में किताब कौथिग आयोजित करने के लिए आयोजनकर्ताओं से अपील की और इस आयोजन को पूरा समर्थन देने की बात कही।
नरेंद्र सिंह नेगी की नाराजगी
संगीतकार नरेंद्र सिंह नेगी ने भी आयोजन को अनुमति न मिलने पर नाराजगी जताई और कहा कि यह सिर्फ किताबों का विरोध नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति का विरोध है।
आखिरकार, किताब कौथिग का भविष्य क्या होगा?
अब देखना यह है कि किताब कौथिग का आयोजन श्रीनगर में हो पाता है या उसे पौड़ी में स्थानांतरित करना पड़ेगा, जैसा कि एनएसयूआई ने प्रस्तावित किया है।