बीकेटीसी में बढ़ा विवाद: कांग्रेस के आरोपों के बाद भाजपा नेताओं में खुली जंग

देहरादून। बदरी-केदार मंदिर समिति (BKTC) को लेकर उठे विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है। कांग्रेस के आरोपों के बाद भाजपा के दो बड़े नेता आपस में भिड़ गए हैं।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने बीकेटीसी में कथित अनियमितताओं को लेकर सवाल उठाए। लेकिन इस विवाद की असली गर्मी भाजपा के दो नेताओं — पूर्व अध्यक्ष अजेंद्र अजय और वर्तमान अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी — के बीच देखने को मिली।

 कांग्रेस के आरोपों से शुरू हुआ विवाद

कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने आरोप लगाया कि बदरी-केदार मंदिर समिति में बीते कई वर्षों से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का बोलबाला है।
उन्होंने विशेष रूप से पूर्व अध्यक्ष अजेंद्र अजय के कार्यकाल पर निशाना साधा और दावा किया कि उन्होंने अपने भाई की नियुक्ति और वेतनवृद्धि में अनियमितता की।

जब इस पर मीडिया ने वर्तमान अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि “यदि आरोप सही हैं तो जांच कराई जाएगी।”
बस, इसी बयान से विवाद भड़क गया।

पूर्व अध्यक्ष की नाराजगी

हेमंत द्विवेदी के बयान से नाराज होकर अजेंद्र अजय ने पलटवार किया और वर्तमान अध्यक्ष पर ही कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
उन्होंने कहा कि यदि हेमंत द्विवेदी सच में पारदर्शिता की बात करते हैं, तो उन्हें केवल बयानबाजी से आगे बढ़कर वास्तविक जांच करनी चाहिए।

अजेंद्र अजय ने अपने जवाब में कहा —

“जांच केवल मेरे कार्यकाल की नहीं, बल्कि मंदिर समिति के लंबे समय से चले आ रहे मामलों की होनी चाहिए। खासकर उन कार्यों की, जिन्हें मैं अधूरा छोड़ गया था।”

उन्होंने हेमंत द्विवेदी को याद दिलाया कि बीकेटीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह का मामला भी जांच के योग्य है।
अजेंद्र ने बताया कि उन्होंने अपने कार्यकाल में बीडी सिंह को हटाया था, लेकिन उन्होंने वीआरएस लेकर भी समिति से जुड़ाव बनाए रखा, जो नियमों के खिलाफ है।

 पुराने मामलों की जांच की मांग

अजेंद्र अजय ने यह भी कहा कि 2010-11 से चल रहे कार्यकालों की व्यापक जांच जरूरी है।
उन्होंने केदारनाथ में हुए क्यूआर कोड प्रकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में पुलिस ने उस पर मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन अब वही मामला सुस्त गति से चल रहा है।
उन्होंने सवाल किया कि “वर्तमान अध्यक्ष के कार्यकाल में कार्रवाई धीमी क्यों पड़ी है?”

सीईओ की नियुक्ति पर भी सवाल

इसके अलावा अजेंद्र अजय ने वर्तमान सीईओ विजय थपलियाल की नियुक्ति पर भी सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि मंदिर समिति की सेवा नियमावली के अनुसार मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को क्लास वन अधिकारी होना चाहिए, जबकि वर्तमान सीईओ इस अर्हता को पूरा नहीं करते।
उन्होंने दावा किया कि उन्होंने इस मामले की शिकायत तत्कालीन मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से भी की थी।

अजेंद्र अजय ने कहा —

“बीकेटीसी एक धार्मिक ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक संस्था भी है। इसमें पारदर्शिता और पात्रता सर्वोपरि होनी चाहिए।”

 बीकेटीसी में सियासी हलचल

इस पूरे घटनाक्रम से भाजपा में भी हलचल तेज हो गई है।
एक ओर कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने बीकेटीसी में अनियमितताओं पर सरकार से जवाब मांगा है,
वहीं दूसरी ओर भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं के आमने-सामने आने से राजनीतिक असहजता बढ़ गई है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, शीर्ष नेतृत्व इस मामले की रिपोर्ट ले सकता है ताकि विवाद को और न बढ़ने दिया जाए।

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