पौड़ी में वन्यजीव आतंक पर कांग्रेस का प्रदर्शन

पौड़ी गढ़वाल।
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार बढ़ रहे मानव-वन्यजीव संघर्ष को लेकर कांग्रेस ने पौड़ी गढ़वाल में प्रदेश सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। जंगली जानवरों के बढ़ते आतंक को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाया। प्रदर्शन में उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी मौजूद रहे।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रदेश में गुलदार, भालू और अन्य जंगली जानवरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। ये जानवर अब जंगलों तक सीमित न रहकर रिहायशी इलाकों में घुस रहे हैं, जिससे मवेशियों के साथ-साथ आम लोगों की जान को भी खतरा पैदा हो गया है। मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन सरकार इस गंभीर समस्या पर ठोस कदम उठाने में नाकाम साबित हो रही है।

प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में पहले ही बड़ी संख्या में लोग पहाड़ों से पलायन कर चुके हैं। अब जो लोग गांवों में रहकर खेती-बाड़ी और पशुपालन के जरिए जीवनयापन कर रहे हैं, वे जंगली जानवरों के भय में जीने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि भालू और गुलदार के डर से ग्रामीण खेतों में जाना छोड़ चुके हैं, महिलाएं जंगलों से चारा लाने में असमर्थ हैं और बागवानी व कृषि कार्य ठप होते जा रहे हैं।

कांग्रेस नेताओं ने मांग की कि जिन क्षेत्रों में गुलदार और अन्य जंगली जानवरों की सक्रियता अधिक है, वहां तत्काल प्रभावी निर्णय लिए जाएं। वन विभाग की निगरानी बढ़ाई जाए, संवेदनशील इलाकों में नियमित गश्त की व्यवस्था की जाए और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ टीमों की तैनाती की जाए, ताकि ग्रामीण बिना भय के अपने दैनिक कार्य कर सकें।

प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही ठोस और सकारात्मक कदम नहीं उठाए, तो पार्टी आंदोलन को और तेज करेगी। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि लोगों की जान-माल की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च जिम्मेदारी है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।

प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने आरोप लगाया कि पहाड़ों में बचे हुए लोगों की सुरक्षा करने में प्रदेश सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। रोजाना जंगली जानवरों के हमलों की घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन सरकार के पास न तो कोई स्पष्ट नीति है और न ही प्रभावी कार्ययोजना। अधिकारी केवल कागजी बैठकों तक सीमित हैं और जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है, जो सरकार की विफलता को उजागर करता है।

वहीं जिला पंचायत सदस्य पूनम कैंतुरा ने भी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार ग्रामीण जनता के प्रति पूरी तरह उदासीन हो चुकी है। जहां-जहां जंगली जानवरों का आतंक है, वहां गांव स्तर पर नियंत्रण के लिए स्पष्ट और कड़े आदेश जारी किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार केवल बयानबाजी कर रही है, जिसे कांग्रेस किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं करेगी।

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